असम ने पिछले चार दशक में इस मुद्दे पर काफी हिंसक झड़पें देखी हैं। 1978 में इसके लिए 'थ्री-D' का नारा प्रचलित हुआ थ्री-D यानी डिटेक्शन, डिलीशन और डिपोर्टेशन यानी अवैध रूप से रह रहे प्रवासी को ढूँढो (डिटेक्शन), मिटाओ (डिलीशन) और बाहर भेज दो (डिपोर्टेशन)।
एनआरसी की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए जस्टिस गोगोई ने मीडिया घरानों की गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों की गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग के चलते इस मुद्दे को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिसके चलते स्थिति खराब हो गई।
पुलिस के मुताबिक उनके पास से आठ एके सीरीज राइफलें, जिंदा गोला बारूद और दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए। पुलिस उप महानिरीक्षक पीके भुइयां ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी उल्फा (आई) कैडरों के आत्मसमर्पण करने की उम्मीद है।
बदरुद्दीन का कहना है कि असम सरकार मुस्लिमों को सरकारी नौकरी देने से रोकने के लिए यह कानून लाई है। उन्होंने कहा कि सचर समिति के अनुसार अभी 2 फीसदी से भी कम मुस्लिमों को सरकारी नौकरी मिलती है।
इस नई नीति के तहत यह शर्त सिर्फ किसी को सरकारी नौकरी देते वक्त ही ध्यान में नहीं रखी जाएगी, बल्कि नौकरी के अंत तक सभी को इस नीति के हिसाब से यह ध्यान रखना होगा कि उनके बच्चों की संख्या दो से अधिक ना हो। बच्चों की संख्या दो से अधिक होने पर सरकारी नौकरी से उस व्यक्ति को निकाला भी जा सकता है।
यह पहली बार नहीं है कि दुर्गा पूजा पर असम में मन्दिर और मूर्तियों को निशाना बनाया गया है। पिछले साल भी दुर्गा पूजा के दौरान दो-दो बार मूर्तियों पर हमले हुए थे।पिछले साल भी दुर्गा पूजा के दौरान दो-दो बार मूर्तियों पर हमले हुए थे।
लसकर का ट्विटर अकॉउंट देखने पर मालूम हुआ कि उसके अधिकतर ट्वीट नफरत से भरे हुए हैं। एक में लिखा गया है कि कश्मीर कभी हिंदुओं का नहीं हो सकता, बल्कि कश्मीर में हिंदुओं का शमशान होगा। दूसरे में वो अगली पीढ़ी में बाबरी मस्जिद का बदला लेने की बात करता है।
चुनाव आयोग के मुताबिक नागरिक ट्रिब्यूनल का फैसला आने तक वोटर लिस्ट में मौजूद हर मतदाता को वोट डालने का अधिकार होगा। ऐसे में अब जब तक इस मामले पर फाइनल ऑर्डर नहीं आता, तब तक ये आदेश बहाल रहेगा।
एक पीड़ित के अनुसार, आरोपितों ने उससे संपर्क कर के 2 लाख भारतीय मुद्रा के बदले 1 लाख सऊदी करेंसी देने का वादा किया। इसकी क़ीमत लगभग 19 लाख रुपए हो जाती है और इसीलिए ऐसा ऑफर ठुकराना मुश्किल होता है।
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) पर कई लोगों ने कई तरह के सवाल उठाए हैं, इसलिए वह स्पष्ट रूप से कह देना चाहते हैं कि एक भी अवैध अप्रवासी को भारत सरकार देश में नहीं रहने देगी। ये उनका वादा है।