दिसंबर 2019 में पाकिस्तान, अफ़ग़निस्तान और बांग्लादेश के पीड़ित अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए ये कानून लाया गया था, जिसका इस्लामी तत्वों ने खासा विरोध किया था।
CM सरमा ने बताया कि असम में NRC की अंतिम सूची जारी होने के बाद लगभग 16 लाख लोगों को इसमें जगह नहीं मिली थी। इसमें 7 लाख मुस्लिम हैं जबकि बाकी कोच-राजबंशी और दास जैसे उपनाम वाले असमिया हिन्दू हैं।