इस योजना की समीक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता वाली डिफेंस प्लानिंग कमिटी ने भी की थी, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हुए थे।
भारतीय महासागर को घेरने की चीन की तथाकथित 'स्ट्रिंग ऑफ़ पर्ल्स' रणनीति का एक मोती सित्वे पोर्ट भी था। इंस्टिट्यूट फॉर डिफेन्स स्टडीज़ एंड एनालिसिस में प्रकाशित नम्रता गोस्वामी की रिपोर्ट के अनुसार अंडमान सागर में चीन सिगनल इंटेलिजेंस एकत्र करने के उपकरण लगा रहा था जिससे भारत की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके।