चीन के मुस्लिम क्षेत्र शिनजियांग के लिए आजादी की माँग करने वाले वॉशिंगटन स्थित समूह ‘द ईस्ट तुर्किस्तान नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट’ ने 182 संदिग्ध ‘‘हिरासत शिविरों’’ के बारे में संकेत दिए हैं, जहाँ उइगरों पर उनकी संस्कृति छोड़ने के लिए कथित तौर पर दबाव बनाया जाता है।
चीनी सेना ने लिपुलेख पास के बेहद करीब सैन्य सुविधाओं और आधारभूत ढाँचे का निर्माण किया है। इसमें एक हेलीपैड, एक सोलर पैनल और एक लॉन्ग रेंज रेकनाइसेन्स एंड ऑब्ज़र्वेशन सिस्टम (लोर्रस) शामिल है।
ये चीनी सम्बन्धी उइगर मुस्लिमों के परिवारों को चीन की क्षेत्रीय नीति और चीनी भाषा की शिक्षा देते हैं। वो अपने साथ शराब और सूअर का माँस लाते हैं, और मुस्लिमों को जबरन खिलाते हैं। उइगर मुस्लिम परिवारों को जबरन उन सभी चीजों को खाने बोला जाता है, जिसे इस्लाम में हराम माना गया है।
"हाल में मैं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिला था। उन्होंने कहा कि चीन की सीमा से सटे इलाकों में एडवांस लैंडिंग के लिए एयरफील्ड का निर्माण किया जाना चाहिए। हम तेज़ी से इस पर काम कर रहे हैं।"
चीन ने आरोप लगाया है कि भारत और अमेरिका FATF का राजनीतिकरण करने में लगे हुए हैं। यह बयान चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ़ से दो दिन पहले ही दिया गया है। चीन की इस तिलमिलाहट की असल वजह पाकिस्तान में अरबों डॉलर निवेश है, जो अब उसे ख़तरे में दिखाई दे रहे हैं।
"जैसे भारत दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखलंदाज़ी नहीं करने की नीति पर चलता है, वैसी ही उम्मीद वह दूसरे देशों से अपने आंतरिक मामलों के लिए भी करता है।" - रवीश कुमार का इशारा चीन की शिनजियांग, तिब्बत और हॉन्ग कॉन्ग में दमनकारी नीति की ओर था।
54 देशों ने बीजिंग के मानवाधिकारों को लेकर सराहना की, जबकि 23 देशों ने चीन की कड़ी निंदा की। ग़ौर करने वाली बात यह है कि सराहना करने वाले 54 देशों में एक देश पाकिस्तान भी है।
चीनी खिलाड़ियों ने दौड़ के नियत ट्रैक से इतर छोटे रास्तों (शॉर्टकट) का इस्तेमाल किया था। दोषी पाए गए एथलीटों को बाकी रेसों में भाग लेने से भी रोक दिया गया। आयोजकों ने चीनी एथलीटों की अपील भी ख़ारिज कर दी।