Wednesday, April 24, 2024
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जम्मू-कश्मीर हमारा मामला, हम चीन के मामले में नहीं बोलते, वह भी चुप रहे: भारत का करारा जवाब

"चीन को पता है कि इस मुद्दे पर भारत की स्थिति स्पष्ट और सतत है। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को लद्दाख व जम्मू और कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील करना भारत का आंतरिक मामला है।"

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने चीन के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें चीन ने लद्दाख और जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन पर आपत्ति जताते हुए इसे अपने इलाके में हस्तक्षेप बताया था। रवीश कुमार ने दो टूक कहा कि जैसे भारत दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखलंदाज़ी नहीं करने की नीति पर चलता है, वैसी ही उम्मीद वह दूसरे देशों से अपने आंतरिक मामलों के लिए भी करता है। उनका इशारा चीन की शिनजियांग, तिब्बत और अब हॉन्ग कॉन्ग में दमनकारी नीति की ओर था।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए रवीश कुमार ने कहा, “चीन को पता है कि इस मुद्दे पर भारत की स्थिति स्पष्ट और सतत है। पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को लद्दाख व जम्मू और कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील करना भारत का आंतरिक मामला है।” उन्होंने आगे जोड़ा, “हम आशा नहीं करते कि चीन समेत अन्य देश उन मामलों पर टिप्पणी करें जो भारत के अंदरूनी हैं, जैसे भारत अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचता है।”

इसके पहले चीन ने जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन पर आपत्ति जताते हुए “इसमें हमारे हिस्से को भी हड़प लिया” का प्रोपेगेंडा शुरू कर दिया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग को इसके लिए आगे किया गया था। गौरतलब है कि चीन लद्दाख को तिब्बत का दक्षिणी हिस्सा मानते हुए भौगोलिक और सांस्कृतिक समानता के आधार पर उस पर दावा ठोंकता है। लेकिन उसी भौगोलिक और सांस्कृतिक समानता के आधार पर गिलगित, बाल्टिस्तान, पीओके और पाकिस्तान द्वारा खुद को बेचे हुए पीओके के भूभाग के मामले में इसी आधार को खारिज कर देता है।

जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बुधवार (30 अक्टूबर) मध्यरात्रि को ख़त्म हो गया। इसके साथ ही दो नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आस्तित्व में आ गए। अनुच्छेद-370 के तहत मिले विशेष दर्जे को संसद द्वारा निरस्त किए जाने के बाद आज से यह निर्णय प्रभावी हो गया है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी थी।

इसी साल 6 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को पारित कर दिया था। इसके तहत तय हुआ था कि दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के रूप में 31 अक्टूबर 2019 से अस्तित्व में आएगा। ऐसा पहली बार है जब किसी राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील कर दिया गया है। इस सिससिले में श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। पहला समरोह लेह में हुआ जहाँ आरके माथुर ने लद्दाख के उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। मुर्मू को जम्मू और कश्मीर घाटी के उपराज्यपाल का पद भार सौंपा गया है, और उनके पूर्ववर्ती सत्यपाल मलिक गोवा के गवर्नर के तौर पर भेजे जाएँगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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