दंपत्ति के बेटे ने सुरक्षा की दृष्टि से हिंदू रीति से अंतिम संस्कार करने का फैसला किया था। उनके पार्थिव देह ताबूत में रखकर दफनाने के बजाए अग्नि में जला देना उसे कोरोना सुरक्षा की दृष्टि से ज्यादा ठीक लगा।
मुंबई के रहने वाले पीड़ित परिवार का आरोप है कि आरोपित पादरी ने उनकी बेटी के कैंसर के इलाज के बहाने उन्हें 80 हजार रुपए का चूना लगा दिया। परिवार का आरोप है कि इलाज के बहाने पादरी ने हिंदू परिवार का ईसाई धर्मान्तरण कराने की कोशिश की थी।
ईसाई संस्था के CEO डेविड रीव्स का कहना है कि हर चर्च को 10 गाँवों में प्रार्थना आयोजित करने को कहा गया। जैसे-जैसे पाबंदियाँ हटीं, मिशनरी उन क्षेत्रों में सक्रिय होते चले गए।