Thursday, May 2, 2024
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‘1 लाख का धर्मांतरण, 50000 गाँव, 25 साल के बराबर चर्च बने’: भारत में कोरोना से खूब फले ईसाई मिशनरी

डेविड रीव्स का कहना है कि भारत में महामारी के दौरान उतने चर्चों का निर्माण हुआ, जितने पिछले 25 सालों में हुआ था। उन्होंने कहा कि लाखों लोग अब जीसस क्राइस्ट पर विश्वास कर रहे हैं और चर्च में प्रार्थना करने के लिए आ रहे हैं।

भारत में ईसाई मिशनरियों की गतिविधियाँ लगातार बढ़ती ही जा रही है। कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए संकट का भी मिशनरियों ने अच्छा-खासा फायदा उठाया है। बाइबिल का हर भाषा में अनुवाद करने के मिशन पर काम कर रही संस्था ‘अनफोल्डिंग वर्ल्ड’ के CEO डेविड रीव्स के बयान से यह पता चला है। उनका दावा है कि महामारी के दौरान भारत में चर्चों ने 50,000 गाँवों को गोद लिया।

‘मिशन न्यूज़ नेटवर्क (MNN) ऑनलाइन’ से बात करते हुए डेविड रीव्स ने कहा कि भारत में महामारी के दौरान उतने चर्चों का निर्माण हुआ, जितने पिछले 25 सालों में हुआ था। उन्होंने कहा कि लाखों लोग अब जीसस क्राइस्ट पर विश्वास कर रहे हैं और चर्च में प्रार्थना करने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था भारत के विभिन्न इलाकों में लोगों को बाइबिल का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए साधन मुहैया करा रही है।

उन्होंने बताया कि ‘अनफोल्डिंग वर्ल्ड’ पादरियों को सशक्त करने के मिशन में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग महामारी में किसी से मिल-जुल नहीं सकते थे, उन्होंने प्रार्थना शुरू की। फोन और व्हाट्सएप्प से उन तक ये प्रार्थनाएँ पहुँचीं। रीव्स ने इसके बाद बड़ा दावा किया कि महामारी के दौरान 1 लाख लोगों का ईसाई धर्मांतरण किया गया। उन्होंने बताया कि हर चर्च को 10 गाँवों में प्रार्थना आयोजित करने को कहा गया।

उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे पाबंदियाँ हटती चली गईं, ईसाई मिशनरी उन क्षेत्रों में सक्रिय होते चले गए। उन्होंने बताया कि इस दौरान 50,000 गाँवों तक पहुँच बनाई है और उनमें से 25% में गॉस्पेल पढ़ाने के लिए कोशिश जारी है। इन सब में छोटे चर्च खोले जाएँगे। उन्होंने कहा कि ये कार्य खासा कठिन था, क्योंकि इसमें कई मिशनरी मारे गए। उन्होंने कहा कि इसमें कई बाधाएँ हैं, लेकिन चर्च को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।

बता दें कि डेविड रीव्स बाइबिल का अनुवाद करने वाली संस्था ‘JAARS’ के अध्यक्ष हैं। उनका कहना है कि चर्च और ‘ईश्वर के साम्राज्य’ के विस्तार के लिए बाइबिल का अनुवाद जरूरी है। उनकी संस्था ‘अनफोल्डिंग वर्ल्ड‘ बाइबिल की ट्रेनिंग के लिए संसाधन मुहैया कराती है। साथ ही वो दुनिया के कई चर्चों का नेटवर्क भी तैयार कर रही है। इस संस्था ने एक ओपन सोर्स बाइबिल कंटेंट भी लॉन्च किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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