एबीसी न्यूज ने अवनी दास के फेक न्यूज पर सफाई देते हुए कहा कि 'नरेंद्र मोदी पर बने डॉक्यूमेंट्री, जिसे 5 जून को पब्लिश किया गया था, उसमें 'भारत के मूल संविधान में सेकुलर' होने का दावा गलत था।'
अवनि ने 'नरेंद्र मोदी से पहले के भारत की कहानी' हेडलाइन के साथ एक वीडियो बनाकर ये बताने की कोशिश की कि भारत में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की धर्मनिरपेक्षता किस तरह के खतरे में है।
मुस्लिम समाज औरों से धर्म निरपेक्षता की उम्मीद करता है पर खुद धर्मनिरपेक्ष होने के लिए तैयार नहीं है। बोर्ड के प्रस्ताव में केवल मुस्लिम समाज के ईशों की निंदा की बात की गई है।
राज्यसभा में भी विधेयक पारित हो जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान निर्माताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए ट्विटर पर जनता को बधाई दी
कैबिनेट से मंज़ूरी मिलने के बाद कई पार्टियों ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है जिसमें बीजेपी की धुर विरोधी पार्टी कॉन्ग्रेस भी शामिल है। एनसीपी और आम आदमी पार्टी ने भी इस फ़ैसले का समर्थन किया है।