DGCI के नोटिस में आगे कहा गया है कि बड़ी आबादी के लिए वैक्सीन के रोलआउट से पहले सात दिनों के लिए 100 लाभार्थियों पर सुरक्षा परिणामों का आकलन अभी भी जारी रहेगा।
NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी लल्लनटॉप की रिपोर्ट को भ्रामक बताया और उस पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया। कानूनगो ने बताया कि आयोग ने जो डाटा दिया है वह मार्च 2020 से 29 मई 2021 के बीच का है।
राणा आयूब का यह पहला कैम्पेन नहीं है जो संदेह के दायरे में आया है। राणा ने 2 फंड कैम्पेन पहले भी चलाए थे। एक कैम्पेन महाराष्ट्र, बिहार और असम में राहत कार्यों के लिए चलाया गया था। इस कैम्पेन में 68 लाख रुपए इकट्ठा भी हुए थे।