कोर्ट ने स्पष्ट बताया कि उनकी ओर से न्यायाधीशों और अन्य न्यायिक अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए अशोक होटल परिसर को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 सुविधा में बदलने का कोई अनुरोध नहीं किया गया है।
इसमें कुल खर्च प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से विज्ञापन और प्रचारों में किया गया है। केजरीवाल सरकार ने बीते 2 साल में अपने प्रचार-प्रसार में 800 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च किया है।