इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया दंगाइयों को संरक्षण देने संबंधी याचिका ठुकरा दी थी। कोर्ट रूम में उस समय एक अजीब सा माहौल बन गया जब याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने जजों के समक्ष शेम-शेम के नारे लगाए।
लगभग 98 दिन हिरासत में बिताने के बाद अब पूर्व वित्त मंत्री परेशान हो चुके हैं। जिसके कारण उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जजों के सामने अपनी याचिका फिर खारिज होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की पीठ से कहा, "हाई कोर्ट ने सबूतों से छेड़छाड़ और मेरे भाग निकलने के डर से मेरी जमानत याचिक खारिज कर दी है।"
अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि FIR शिकायतकर्ता के शब्दों में होनी चाहिए। भारी-भरकम शब्द की जगह आसान भाषा का इस्तेमाल होना चाहिए। लोगों को ये पता होना चाहिए कि क्या लिखा गया है।
कोर्ट ने इन दोनों ही मंदिरों को हटाने का आदेश देते हुए कहा कि लॉ एन्फ़ोर्समेंट एजेंसी फ़ैसला लें कि यह कैसे और किस तरीक़े से संभव हो सकेगा। साथ ही कोर्ट ने इन आदेशों की एक तय अवधि के अंदर पूरा करने की ज़िम्मेदारी...
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि जो पूर्व विधायक, पूर्व सांसद या फिर कोई अन्य सरकारी अधिकारी, जो अवैध तरीके से सरकारी बंगले पर कब्जा करके बैठे हुए हैं, सरकार उनके नाम और पता बताते हुए एक हलफनामा दायर करे।
याचिकाकर्ताओं ने यह दलील भी दी थी कि महिला चालकों को छूट देकर समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया है। इस पर शाश्वत भारद्वाज द्वारा याचिका में कहा गया कि लिंग के आधार पर नियम में भेदभाव करना समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
"सिर्फ़ भारत के यूज़र्स के लिए आपत्तिजनक विषयवस्तु को निष्क्रिय या ब्लॉक करना काफ़ी नहीं होगा क्योंकि यहाँ रह रहा यूज़र उस विषयवस्तु को किसी अन्य माध्यम से भी देख सकता है। इसलिए वैश्विक स्तर पर आपत्तिजनक पोस्ट से संबंधित वीडियो लिंक्स को निष्क्रिय किया जाए।"
केजरीवाल सरकार के वकील चाहते थे कि जज इस फैसले को इंसानियत के आधार पर लिया फैसला बताएँ। लेकिन बच्चों के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे वकील अशोक अग्रवाल ने कहा, "कौन सी इंसानियत? हम भिखारी नहीं हैं, हम अपने अधिकारों की माँग कर रहे हैं।"
उच्च न्यायालय ने कहा था कि काला धन और कर अधिरोपण कानून अप्रैल 2016 से पहले लागू नहीं होगा। इस आधार पर आयकर विभाग को खेतान के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया था। उनके खिलाफ काला धन रखने का मामला दर्ज किया गया था।
थक हारकर कुछ दिन पहले पाक हिन्दू परिवार ने इंसाफ के लिए दिल्ली के हाई कोर्ट का रुख किया था। उनकी ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने अदालत में याचिका डाली थी। जिसपर संज्ञान लेते हुए आज अदालत ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया।