Monday, October 2, 2023
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आम आदमी का काम करने के लिए है पुलिस, FIR में बंद करो उर्दू-फारसी का इस्तेमाल: हाई कोर्ट

दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि उर्दू और फारसी के 383 शब्दों का इस्तेमाल बंद करने को कहा गया है। इसका पालन हो रहा है या नहीं, यह पता लगाने के लिए कोर्ट ने 10 अलग-अलग थानों से 10-10 एफआईआर की प्रतियाँ मँगाई है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (नवंबर 25, 2019) को FIR की भाषा को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा, जब शिकायतकर्ता आम भाषा में अपनी शिकायत देता है तो एफआईआर दर्ज करने में उर्दू और फारसी शब्दों का प्रयोग क्यों किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस को FIR दर्ज करने में साधारण भाषा का प्रयोग करना चाहिए ताकि एक आम आदमी भी उसे पढ़कर समझ सके। इस आदेश के बाद इसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए FIR की 100 प्रतियाँ पेश करने का आदेश भी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दिया। साथ ही इस मामले में दिल्ली पुलिस से हलफनामा दाखिल करने को भी कहा गया है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 11 दिसंबर को होगी। 

मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की खंडपीठ ने पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस को FIR दर्ज करने में उर्दू और फारसी के उन शब्दों का उपयोग बंद करना चाहिए जो बिना सोचे समझे इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा एफआईआर दर्ज करने में साधारण भाषा का ही प्रयोग किया जाना चाहिए ताकि शिकायतकर्ता उसे समझ सके कि उसने जो शिकायत दी वह वैसी ही दर्ज हुई।

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अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस आम आदमी का काम करने के लिए है, सिर्फ उनके लिए नहीं जिनके पास उर्दू या फारसी में डॉक्टरेट की डिग्री है। पीठ ने दिल्ली पुलिस से कहा, ऐसे शब्द जिनका अर्थ शब्दकोश में ढूँढना पड़े का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। FIR शिकायतकर्ता के शब्दों में होनी चाहिए। भारी-भरकम शब्द की जगह आसान भाषा का इस्तेमाल होना चाहिए। लोगों को ये पता होना चाहिए कि क्या लिखा गया है। 

उल्लेखनीय है दिल्ली हाईकोर्ट का ये निर्देश वकील विशालक्षी गोयल द्वारा लगाई गई जनहित याचिका (पीआईएल) पर आया है। इसमें कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि वह दिल्ली पुलिस को उर्दू या फारसी शब्दों का इस्तेमाल बंद करने का निर्देश दे। इस संबंध में 20 नवंबर को पुलिस ने सभी थानों को एक सर्कुलर भेजा था। इसमें स्पष्ट बताया गया था कि प्राथमिकी दर्ज करते समय उर्दू और फारसी शब्दों की जगह साधारण शब्दों का प्रयोग किया जाए।

इसका जिक्र दिल्ली पुलिस ने अपनी दलील में करते हुए, कोर्ट को उर्दू और फारसी के ऐसे 383 शब्दों की सूची सौंपी है जिनका थानों में इस्तेमाल बंद हो चुका है। सर्कुलर का पालन हो रहा है या नहीं, यह पता लगाने के लिए कोर्ट ने 10 अलग-अलग थानों से 10-10 एफआईआर की प्रतियाँ मँगाई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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