तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती कलकत्ता में एक वृद्धाश्रम में हिन्दू त्योहार 'भाई-फोंटा' मनाने पहुँची। इस पर लोगों की तरफ से मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आईं।
यह फतवा दिवाली से कुछ दिन पहले ही आया है। ताकि मुस्लिम हिन्दू त्यौहार में शिरकत करने से दूर रहें। लेकिन ये जानने वाली बात है कि पटाखे शब-ए-बारात में भी बहुत स्तर पर इस्तेमाल होते हैं।
जब अभियुक्त हिन्दू हो, पीड़ित कट्टरपंथी तब ये शरियत से चलते हैं। तब फतवा निकलता है, तब इसी राष्ट्र के संविधान की होली जला कर कट्टरपंथी वही करता है जो एक बड़ा कट्टरपंथी कहीं से बैठ कर आदेश देता है।
दरगाह-ए-आला हज़रत के प्रवक्ता ने नए कानून की प्रशंसा करते हुए इसे मुस्लिम महिलाओं के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह कानून तीन तलाक के मामलों को रोकने में मददगार साबित होगा।
रिज़वी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कोई भी मुस्लिम महिला सिंदूर लगाती है, चूड़ियाँ पहनती है, मंगलसूत्र पहनती है या बिंदी लगाती है तो यह शरियत के तौर पर हराम नहीं है।
दारुल उलूम देवबंद की इफ्ता कमेटी से पूछा गया था कि लोग अपनी दुकान और मकान के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवा सकते हैं या नहीं। साथ ही यह भी पूछा गया था कि शरियत इस विषय के बारे में क्या कहती है। इसके जवाब में ही दारुल उलूम देवबंद ने बताया था कि...
दारुल उलूम देवबंद ने दुकानदारों द्वारा चूड़ियाँ पहनने को लेकर भी मुस्लिम महिलाओं के ख़िलाफ़ फ़तवा जारी किया था क्योंकि अजनबी पुरुषों द्वारा महिलाओं का हाथ छूना एक बड़ा पाप है।
दारुल उलूम देवबंद ने एक नया फतवा जारी करते हुए कहा है कि किसी भी शादी या अन्य बड़े समारोह में सामूहिक रुप से मर्दों और औरतों का भोजन करना हराम है। साथ ही एक और फतवे में महिलाओं को हिदायत दी गई है कि वो बिना बुर्के के शादी और अन्य समारोह में शामिल ना हो।