जब दंगाइयों, अमेरिकी प्रतिष्ठान और मीडिया ने शेख हसीना के पतन का जश्न मनाया, तो बांग्लादेश के हिंदुओं के सामने एक भयावह सच्चाई उभरने लगी - वे अब जिहादियों की दया पर थे, जो सड़कों पर घूम रहे थे और उन्हें शिकार बनाने के लिए बेचैन थे।
युवती जब रेहान के आधार कार्ड में लिखे पते पर उसके गाँव पहुँची, तो रेहान ने अपने बहनोई शकील अहमद, बहन नूर बानो और जहाँगीर ने उसके साथ जमकर मारपीट की और उसका मोबाइल भी तोड़ दिया।