महाशिवरात्रि की शाम के बाद वहाँ ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जैसा पिछले कुछ दशकों में शायद ही देखने को मिला हो। पूरा मंदिर प्रकाश से जगमग था और फूलों से सजाया गया था। पर्व के अवसर पर महा अभिषेक सहित कई अन्य प्रकार के पूजा-पाठ का आयोजन किया गया।
उपायुक्त ने हिंदू समुदाय से इस बात के लिए माफी भी माँगी कि बीते 70 साल में उन्हें यह मंदिर नहीं सौंपा गया। उन्होंने कहा कि मंदिर को इसके वास्तविक रूप में बहाल किया जाएगा। मरम्मत और साज-सज्जा के बाद हिंदू मंदिर में पूजा अर्चना कर सकेंगे।
निर्मला दास ने 22 साल पहले तीन बीघा ज़मीन मंदिर के लिए दान दी थी। दिवंगत विधवा ने मंदिर के साथ-साथ स्कूल और हॉस्पिटल बनाने के लिए भी ज़मीन दान की थी। कुछ दिनों पहले तृणमूल कॉन्ग्रेस की स्थानीय यूनिट ने ज़मीन पर कब्ज़ा कर भवन निर्माण शुरू कर दिया।
इस मामले में कुछ लोगों ने यह दावा किया कि मंदिर में होने वाले अनुष्ठान में बाधा उत्पन्न करने या उन्हें नष्ट करने के लिए ख़ून का उपयोग किया गया। वहीं, पुलिस को जाँच में पता चला कि ख़ून से लिखा गया नाम इलाक़े के एक किशोर लड़के और लड़की का था।
"चारधाम श्राइन बोर्ड में मुख्यमंत्री अध्यक्ष होंगे जबकि संस्कृति विभाग के मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। लेकिन इसमें शर्त यह है कि मुख्यमंत्री अगर हिन्दू हो तभी वे अध्यक्ष होंगे अन्यथा सरकार का एक वरिष्ठ मंत्री (जिसका हिंदू होना अनिवार्य होगा) बोर्ड का अध्यक्ष होगा।"
"अतिक्रमण को जायज़ ठहराना मंदिर की प्रॉपर्टी के साथ छेड़छाड़ जैसा है और इस तरह का कोई भी कार्य जिसमें मंदिर की जरूरत के अलावा उसमें किसी तरह की तोड़फोड़ की जाए तो यह हिन्दू भावनाओं को भड़काने जैसा होगा।"
कोर्ट ने इन दोनों ही मंदिरों को हटाने का आदेश देते हुए कहा कि लॉ एन्फ़ोर्समेंट एजेंसी फ़ैसला लें कि यह कैसे और किस तरीक़े से संभव हो सकेगा। साथ ही कोर्ट ने इन आदेशों की एक तय अवधि के अंदर पूरा करने की ज़िम्मेदारी...
थिरुमावलवन इससे पहले भी हिन्दुओं की आलोचना कर चुके हैं और बाद में वो अपने बयान से पलट जाते हैं। हालाँकि, चिदंबरम सांसद ने कथित तौर पर अपने भाषण पर ख़ेद व्यक्त किया है, लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उनसे सार्वजनिक माफ़ी की माँग की है।
यह अभिषेक मातरम नामक हिन्दू साम्राज्य के स्वर्ण काल का भी परिचायक है। उस समय के हिन्दू तावुर अगुंग नामक एक अनुष्ठान करते थे, जिसके बारे में वे मानते थे कि इससे मनुष्यों के साथ समस्त ब्रह्माण्ड को ही पवित्र किया जाता है।
फलस्वाड़ी गाँव में मंदिर निर्माण के लिए जल्द ही यात्रा निकाली जाएगी। इसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और संत-महात्मा शामिल होंगे।