Saturday, April 20, 2024
Homeराजनीति4 साल पुरानी फोटो से अलका लांबा ने मंदिरों को बदनाम करने की कोशिश...

4 साल पुरानी फोटो से अलका लांबा ने मंदिरों को बदनाम करने की कोशिश की, कहा- दान बटोरने के लिए खोले गए हैं

"लगता है धार्मिक स्थलों को तो मात्र दक्षिणा के लिए ही खोला गया है। वरना हनुमान जी की मानें तो भगवान तो भक्तों के हृदय में वास करते हैं। ऐसा उन्होंने साबित करके भी दिखाया था। सच है ना? घरों में रहो, सुरक्षित रहो।"

AAP की पूर्व विधायक और वर्तमान में कॉन्ग्रेस नेता अलका लांबा ने शुक्रवार (जून 12, 2020) को अपने ट्विटर अकाउंट से एक फोटो शेयर की। इस फोटो के जरिए उन्होंने आरोप लगाया कि लॉकडाउन के बाद मंदिरों को इसलिए खोला गया, ताकि भक्तों से दान लिया जा सके।

अलका लांबा ने एक हिंदू मंदिर की तस्वीर शेयर की। इस तस्वीर में भक्त मोबाइल के जरिए डिजिटल तरीके से दान करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

अलका लांबा का ट्वीट

तस्वीर को ट्वीट करते हुए अलका लांबा ने लिखा है, “लगता है धार्मिक स्थलों को तो मात्र दक्षिणा के लिए ही खोला गया है। वरना हनुमान जी की मानें तो भगवान तो भक्तों के हृदय में वास करते हैं। ऐसा उन्होंने साबित करके भी दिखाया था। सच है ना? घरों में रहो, सुरक्षित रहो।”

अलका लांबा ने आरोप लगाया कि मंदिर केवल दान लेने के लिए उद्देश्य से खोला गया है। हालाँकि इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है। अलका लांबा ने जिस फोटो को शेयर करते हुए ये आरोप लगाया है, वह तस्वीर 4 साल पुरानी यानी 2016 की है। इसके अलावा, यह ऑनलाइन खरीद के लिए उपलब्ध स्टॉक इमेज है।

अलका लांबा ने 4 साल पुरानी इस तस्वीर का इस्तेमाल हिंदू मंदिरो की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से किया और दावा किया कि मंदिर लॉकडाउन के बाद खजाना भरने के लिए खोले गए हैं। कॉन्ग्रेस नेता ने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें भी कॉपीराइट का वॉटरमार्क देखा जा सकता है, जो यह साबित करता है कि यह फोटो स्टॉक इमेज साइट से ली गई है।

इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि यह 2016 की है, जहाँ लोग राजस्थान के जोधपुर के शास्त्री नगर में शनि मंदिर में दान देने के लिए PayTM का उपयोग कर रहे हैं। हालाँकि अलका लांबा ने सत्यता की पुष्टि की परवाह किए बिना यह कहते हुए हिंदू मंदिरों को बदनाम करने की कोशिश की कि देश के  ‘Unlock-1’ फेज में प्रवेश करने के दौरान जब अधिकारियों द्वारा कुछ प्रतिबंध हटाए जा रहे थे, उस समय मंदिर दान लेने में व्यस्त था।

31 मई को लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सरकार की तरफ से कुछ राहतें दी गई। एक नई गाइडलाइन जारी की गई कि क्या करना है और क्या नहीं। इसके बाद 8 जून को ऑफिस, मॉल, रेस्टॉरेंट और धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्देश दिया गया था।

गौरतलब है कि अलका लांबा ने इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए ‘ढोंगी’ शब्द का प्रयोग किया और कहा कि जिन बलात्कारियों पर उनका, साक्षी महाराज का अमित शाह और पीएम मोदी का आशीर्वाद हो, उन्हें रिहा होने से कोई नहीं रोक सकता है। अलका लांबा ने कुलदीप सेंगर के रिहा होने की झूठी ख़बर पर यह प्रतिक्रिया दी थी। इसके बाद सेंगर की बेटी ऐश्वर्या ने अलका लांबा के खिलाफ उन्नाव पुलिस के समक्ष एफआईआर दर्ज करवाई थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मोहम्मद जमालुद्दीन और राजीव मुखर्जी सस्पेंड, रामनवमी पर जब पश्चिम बंगाल में हो रही थी हिंसा… तब ये दोनों पुलिस अधिकारी थे लापरवाह: चला...

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा को रोक पाने में नाकाम थाना प्रभारी स्तर के 2 अधिकारियों को सस्पेंड किया।

‘PM मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा, संविधान में बदलाव का कोई इरादा नहीं’: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- ‘सेक्युलर’ शब्द हटाने...

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने जीएसटी लागू की, 370 खत्म की, राममंदिर का उद्घाटन हुआ, ट्रिपल तलाक खत्म हुआ, वन रैंक वन पेंशन लागू की।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe