हरिवंश ने कहा, "दुनिया जानती है कि कैसे पाकिस्तान ने अपने ही देश के एक हिस्से में नरसंहार किया, जिसे अब स्वतंत्र बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है...मैं पूछना चाहता हूँ कि इस देश को इस देश को मानवाधिकार से जुडे़ मुद्दों को उठाने का क्या अधिकार है?"
प्रगतिशील मुस्लिम चेहरे के तौर पर पहचान रखने वाले आरिफ़ मोहम्मद वंदे मातरम का उर्दू में अनुवाद कर चुके हैं। शाहबानो मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया था और मुस्लिम कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेकने के लिए कॉन्ग्रेस सरकार का विरोध किया था।
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त हरिंदर सिद्धू ने उम्मीद जताई है कि इससे क्षेत्र में शाँति होगी और घाटी में आर्थिक विकास होगा। उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश संयम से काम लेंगे और इस प्रक्रिया में लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेंगे।”
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान ने जितना हो सके दुनिया को बरगलाने की कोशिश की। ताकतवर मुल्कों के पास गया, इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी से गुहार लगाई। संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया। लेकिन सबने उसे ठुकरा दिया।
जब मौलवी लोगों को संबोधित कर रहा था तो भीड़ ‘भारत का एक ही इलाज अल-जिहाद, अल-जिहाद, अल-जिहाद’ के नारे लगा रही थी। भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान यहींं पर समाप्त नहीं होता है। हाल ही में, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने.......
फिरोजशाह द्वारा हिन्दुओं पर जुर्म और बर्बरता करने का एक यह भी कारण था कि उसे एक राजपूत माँ से पैदा होने के कारण अपने समय के उलेमाओं के सामने अपनी कट्टर मुस्लिम छवि को बनाए रखना था। यही वजह है कि इतिहास में उसे एक धर्मांध शासक के रूप में जाना गया।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के नेता सरदार सागीर ने घाटी में बिगड़े हालात के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए उनका खुद का देश पाकिस्तान ही आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने कहा कि शाहरुख खान इस तरह की सीरीज बनाने की बजाए जम्मू कश्मीर में अत्याचारों और आरएसएस के हिंदुत्ववादी नाजीवाद के खिलाफ बोलकर शांति को बढ़ावा दे सकते हैं।
सावरकर की प्रतिमा पर यह देश बेवजह अपना समय और संसाधन व्यर्थ करता है। सर सैयद अहमद खान के योगदान और उनके ज़हरीले, हिन्दू-विरोधी और हिंसक भाषणों को याद करने भर से ही तय हो जाता है कि इस देश को किन लोगों पर गर्व होना चाहिए।
चाँद की कक्षा में आने के बाद चंद्रयान-2 चाँद की चार कक्षाओं से होकर गुजरेगा, जिसके बाद यह चाँद की अंतिम कक्षा में दक्षिणी ध्रुव पर करीब 100 किमी ऊपर से गुजरेगा। इसी दौरान 2 सितंबर को यान का विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा।