क्या छात्राएँ शुरू से ही कॉलेज में पढ़ती थीं और अपनी खुद की मर्जी से हिजाब बाँध कर आईं थीं। जाँच का दूसरा बिंदु यह है कि छात्राओं को ड्रेस कोड की जानकारी थी या नहीं।
अमन लक्जरी कारों के साथ और होटलों से अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करता था। पीड़िता इन तस्वीरों से काफी प्रभावित हुई और एक दूसरे का मोबाइल नंबर शेयर कर लिया।