कश्मीर में आतकंवाद और अलगाववाद की जननी और पोषक कही जाने वाले प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के चार पूर्व नेताओं ने चुनावी दंगल में उतरते हुए बतौर निर्दलीय अपना-अपना नामांकन जमा कराया।
भट्ट की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश जारी किया जिसमें जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनावों को रोक दिया गया।
आखिर आतंकियों के सम्मान का कोई सोच भी कैसे सकता है? फिर याद आता है कि ये तो नेत्री भी हैं, इनको तो वोट भी वही लोग देते हैं जो आतंकियों के जनाज़े में टोपियाँ पहन कर पाकिस्तान परस्ती और भारत को बाँटने की ख्वाहिश का नारा लगाते शामिल होते हैं।
इस तीन हिस्से वाली शृंखला में, नितिन गुप्ता (जो कि रिवाल्डो के नाम से भी जाने जाते हैं) कश्मीर समस्या को पुलवामा हमले के आलोक में देख रहे हैं। पहले एपिसोड में वो बता रहे हैं कि 'शिक्षा की कमी से आतंकवाद फैलता है' इस सोच का सच क्या है।