Friday, May 16, 2025
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पाकिस्तान में भीख के पैसों से हुआ चुनाव… लेकिन प्रधानमंत्री बनते ही शाहबाज शरीफ ने कहा – कश्मीर को करवाएँगे आजाद

कश्मीर और फिलिस्तीन का साथ देने की घोषणा करते ही शाहबाज शरीफ ने ऐसी बात कह डाली, जो आजतक किसी ने भी नहीं कहा था। शाहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली भी पिछले कई सालों से कर्जों के पैसों से चल रही है, क्योंकि सरकार के पास पैसा ही नहीं है।

पाकिस्तान में आम चुनाव खत्म होने के बाद सरकार बनाने के लिए गतिरोध लंबा चला। आखिरकार गठबंधन सरकार सत्ता में आ गई, जिसकी अगुवाई शाहबाज शरीफ कर रहे हैं। रविवार (03 मार्च 2024) को उन्होंने पाकिस्तान की असेंबली में बहुमत साबित किया। उनकी सरकार को धुर विरोधी पार्टी भुट्टो की पारिवारिक पार्टी-पीपीपी सहयोग कर रही है, जिसके बदले में राष्ट्रपति पद पर मिस्टर 10% यानी आसिफ अली जरदारी को बैठाएगी।

खैर, 92 के मुकाबले 201 सदस्यों का बहुमत हासिल करने वाले शाहबाज शरीफ जैसे ही दूसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने, वैसे ही वो पुराने राग अलापने लगे। खासकर गाजा और कश्मीर को लेकर, लेकिन उसके तुरंत बाद ही अपनी ‘औकात’ भी दिखा गए, जब उन्होंने कहा कि इस देश की असेंबली भी भीख यानी कर्ज के पैसों से चल रही है। इन हालातों को बदलना होगा।

प्रधानमंत्री बनने के बाद शहबाज शरीफ ने असेंबली में कहा कि उनकी सरकार का मकसद पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्तों को बेहतर बनाना है। हालाँकि तुरंत ही शहबाज ने पाकिस्तानी नेताओं की मजबूरी बन चुके कश्मीर का राग अलापने में देरी नहीं की। उन्होंने कश्मीर के साथ ही फिलिस्तीन का भी जिक्र किया और कहा कि पाकिस्तान फिलस्तीन के साथ है। शहबाज ने कहा, ‘आइए हम सब एकजुट होकर नेशनल असेंबली से कश्मीरियों और फलस्तीनियों की आजादी के लिए एक प्रस्ताव पारित करें।’

कर्ज पर चल रही है संसद

कश्मीर और फिलिस्तीन का साथ देने की घोषणा करते ही शाहबाज शरीफ ने ऐसी बात कह डाली, जो आजतक किसी ने भी नहीं कहा था। शाहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली भी पिछले कई सालों से कर्जों के पैसों से चल रही है, क्योंकि सरकार के पास पैसा ही नहीं है। विदेश से आने वाले पैसों से हमारी असेंबली चल रही है, जिसे सुधारना होगा। बता दें कि पाकिस्तान को पिछले साल ही आईएमएफ से 3 अरब डॉलर का लोन मिला था, लेकिन चुनाव के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आईएमएफ को पत्र लिखकर कह दिया कि पहले जो कर्जा पाकिस्तान को दिया है, उसका हिसाह किताब ले लिया जाए, वर्ना सारे पैसे बर्बाद हो जाएँगे।

इमरान खान ने तो आईएमएफ को ये भी सलाह दे दी कि वो पाकिस्तान में हुए आम चुनावों में हुए भारी खर्च का हिसाब भी माँग ले, कहीं ऐसा न हो कि आईएमएफ कर्ज चुकाने और विकास कार्यों के नाम पर जो पैसे दे रहा है, उन पैसों से पाकिस्तानी नेता देश चलाने की जगह उन पैसों को चुनाव में उड़ा चुके हों।

पाकिस्तान में खिचड़ी सरकार

शाहबाज शरीफ चुनाव से पहले भी गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री थे। इमरान खान की सरकार को गिराने के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) यानी पीएमएल(एन) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) मिलकर सरकार चला रहे थे। इस बार नवाज शरीफ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे, लेकिन इमरान खान की पार्टी पीटीआई द्वारा समर्थित सबसे ज्यादा 91 सांसदों ने जीत हासिल की। इसके बाद सरकार बनाने को लेकर समस्या खड़ी हो गई, क्योंकि नवाज शरीफ की पार्टी के महज 75 सदस्य ही थे। हालाँकि दूसरी सबसे बड़ी पार्टी पीपीपी के समर्थन के बाद पीएमएल ने सरकार बनाई है, लेकिन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की जगह उनके भाई शाहबाज शरीफ बने हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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