सड़क पर नमाज जायज, 5 बार माइक से अजान सुकून देता है, लेकिन वेदों की धरती पर वैदिक रीति-रिवाज से लिबरल गिरोह को दिक्क्त। खुद सम्राट अशोक ने इसे 'धर्म स्तंभ' कहा था, ऐसे में धर्म के अनुसार कार्य न हों तो क्या अरब के हिसाब से हों?
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से जाति आधारित राजनीति करने वाले कुछ दल, उनके नेता और समर्थकों के साथ ही इस्लामी और वामपंथी समूह भी उखड़े हुए हैं।