अर्णब के वकीलों द्वारा उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर करने के बाद कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए है। इस याचिका में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए और अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी कहा गया है।
BARC के बार-ओ-मीटर (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) का संचालन करने वाली कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करते हुए इस मामले की जाँच मुंबई पुलिस के बजाय CBI को सौंपने की माँग की है।
वकील आदित्य मिश्रा ने अर्णब गोस्वामी की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की थी और मामले पर तत्काल विचार करने का आह्वान किया था।
अर्णब ने हाथ में जख्म भी दिखाया और कहा कि, मैंने डॉक्टरों को अपनी चोट दिखाई, जो कि उनके अनुसार मुंबई पुलिस द्वारा उनके साथ की गई मारपीट में उन्हें लगी है।