सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम को कई बीमारियाँ हैं और हिरासत में रहने के कारण उनका वज़न भी कम हुआ है। बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता पाँच सितंबर से न्यायिक हिराासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
गृह मंत्री रहते चिदंबरम ने हिंदी के पूरे देश की भाषा बनने की उम्मीद जताई थी। सरकारी दफ्तरों में संवाद के लिए हिंदी के इस्तेमाल पर जोर दिया था। लेकिन, अब जिस तरह उनकी पार्टी और गठबंधन के साथी अमित शाह के बयान पर जहर उगल रहे हैं उससे जाहिर है यह अंध विरोध के अलावा कुछ भी नहीं।
चिदंबरम ने ट्वीट में बिगड़ी अर्थव्यवस्था का जिक्र किया। उन्होंने देश से घटते निर्यात को लेकर चिंता जताई। मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान इस देश को बचाए।
एन राम चिदंबरम को जेल भेजने के लिए देश की अदालतों की आलोचना करने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि इस गिरफ्तारी की साजिश करने वालों का मकसद सिर्फ और सिर्फ चिदंबरम की आजादी पर बंदिश लगाना था और दुर्भाग्यवश देश की सबसे बड़ी अदालतें भी इसकी चपेट में आ गईं।
आईएनएक्स मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपए की विदेशी रकम हासिल करने के लिए नियमों से परे जाकर एफआईपीबी की मंजूरी दी गई थी। उस वक्त चिदंबरम वित्त मंत्री थे। सीबीआई ने 2017 में प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में ईडी ने भी मामला दर्ज किया था।
वकील रहे पी चिदंबरम का यह मामला भारतीय कानून के इतिहास में संभवत चुनिंदा मामलों में से एक होगा, जहाँ खुद आरोपित ही न्यायिक हिरासत के बजाय संस्थागत हिरासत (CBI/ED) में जाना चाहते हैं। जानकारों की मानें तो तिहाड़ जेल में चिदंबरम को वो सुख-सुविधाएँ नहीं मिल पा रही हैं, जो...
बिजन असम के दरांग जिले के मंगलदाई थाना क्षेत्र के निवासी थे और 6 सितंबर को वह इलाहाबाद आए थे। सुसाइड नोट में उन्होंने पीएम मोदी से अपने गायक बेटे की मदद की गुहार लगाई है। जिला प्रशासन से गुजारिश की कि उनका शव परिवार को न सौंपकर प्रयागराज में ही दफना दिया जाए।
तिहाड़ जाने से पहले चिदंबरम ने अदालत से कहा था कि वह जेड-श्रेणी की सुरक्षा के साथ जेल में रहना चाहते हैं, जहाँ पर एक बिस्तर दवाई की सुविधा, बाथरूम और वेस्टर्न टॉयलेट भी हो। अदालत द्वारा उनके इस निवेदन को......
चिदंबरम तिहाड़ नहीं जाना चाहते इसके लिए उनके वकील कपिल सिब्बल पहले भी एड़ी-चोटी का जोर लगा चुके हैं। लेकिन अब अदालत ने उन्हें 19 सितम्बर तक के लिए जुडिशल कस्टडी में भेजकर उनके तिहाड़ जाने का रास्ता साफ कर दिया है। उन्हें 19 सितम्बर तक तिहाड़ में ही रहना होगा।
अब प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ के लिए पी चिदंबरम को हिरासत में ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एजेंसी पूर्व वित्त मंत्री को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चिदंबरम ट्रायल कोर्ट के समक्ष नियमित ज़मानत की अर्ज़ी दाखिल कर सकते हैं।