2018 में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए राहत कोष बनाया गया। लेकिन, इसका पैसा एक स्थानीय वामपंथी नेता के खाते में भेज दिया गया। उसने इसका इस्तेमाल एक पॉल्ट्री फॉर्म खरीदने के लिए। भेद खुला तो फरार हो गया।
जाँच में यह भी पता चला कि अवैध खनन की काली कमाई खाने में कई सफेदपोश नेता और अधिकारी भी शामिल हैं। अब जाँच के आधार पर लगातार सीबीआई छापेमारी कर रही है। जिसमें भारी मात्रा में नगदी पाए जाने की सूचना है।
पश्चिम बंगाल में साल 2011 में जब तृणमूल सत्ता में आई उसके बाद 'कट मनी' का प्रचलन आम हो गया। यह इस तरीके से माँगा जाना शुरू हुआ कि ग्रामीणों को पता ही नहीं चला कि यह घूस है बल्कि इसे वे हाल के दिनों तक 'सरकारी दर' ही समझते रहे। उन्हें अपने ठगे जाने की बात तब समझ आई जब...
प्रीतिश नंदी ने राज ठाकरे की प्रशंसा करते हुए वीडियो को यह कहते हुए संदर्भित किया कि कोई तो है, जो यह जानता है कि कैसे भक्तों को उसी की भाषा में सूद सहित वापस दिया जाए। मतलब नेता राज ठाकरे के साथ कोई पंगा नहीं ले सकता। हद तो यह कि ऐसे लोग खुद को बड़े पत्रकार मानते हैं।
केजरीवाल खुद आगे आकर अपने और हेम प्रकाश शर्मा के संबंधों का खुलासा करें, और यह साफ़ करें कि उनके विज्ञापन इतने सारे टैक्स-हेवन देशों में क्यों चल रहे हैं।