Wednesday, April 24, 2024
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अगस्ता-वेस्टलैंड घोटाला: गवाह ने लिया कमलनाथ के बेटे-भतीजे, सलमान खुर्शीद और अहमद पटेल का नाम

वो सलमान खुर्शीद और 'कमल अंकल' का नाम लिया करता था। सक्सेना का कहना है कि ये अंकल कमलनाथ ही हैं। इसके अलावा वो बार-बार किसी AP का नाम लेते थे, जो उसके हिसाब से अहमद पटेल हैं।

3000 करोड़ रुपए के अगस्ता-वेस्टलैंड VVIP हेलिकॉप्टर घोटाले के मामले में गवाह राजीव सक्सेना ने कई बड़े खुलासे किए हैं। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव सक्सेना ने इस मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व-मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ और उनके भतीजे रतुल पुरी के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और सोनिया गाँधी के विश्वस्त अहमद पटेल का नाम भी लिया है। इससे इन सभी कॉन्ग्रेस नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

राजीव सक्सेना को जुलाई 2019 में दुबई से प्रत्यर्पित कर लाया गया था। वो फ़िलहाल जमानत पर बाहर हैे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी 385 करोड़ रुपए की संपत्ति को अटैच करने के साथ-साथ उनसे पूछताछ भी की थी। अब ED सुप्रीम कोर्ट में राजीव सक्सेना को मुख्य अप्रूवर से हटाने के लिए गई है क्योंकि जाँच एजेंसी का कहना है कि वो अगस्ता-वेस्टलैंड मामले में खुल कर सारे फैक्ट्स पेश नहीं कर रहा है।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने राजीव सक्सेना के बयानों पर आधारित 1000 पेज के सरकारी दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट्स, ईमेल चैट्स और फर्जी कंपनियों के विवरणों के अध्ययन के बाद खुलासा किया है कि हवाला कारोबार और फर्जी कंपनियों का एक बड़ा नेटवर्क था, जिससे इस मामले के सभी आरोपित जुड़े हुए थे। राजीव सक्सेना ने बताया कि किस तरह यूपीए-2 द्वारा कैंसिल कर दिए गए इस करार के किकबैक रकम को अन्य कंपनियों में निवेश किया गया था।

इनमें राजीव सक्सेना की इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज और क्रिस्चियन मिशेल की ग्लोबल सर्विसेज प्रमुख हैं। मिशेल को दिसंबर 2018 में भारत लाया गया था और वो तभी से जेल में है। सक्सेना ने खुलासा किया है कि इनमें से बड़ी रकम कई ऐसे नेताओं और अधिकारियों को भी दी गई, जो उस वक्त सरकारी निर्णयों को प्रभावित करने की क्षमता रखते थे। इन्हें निवेश के माध्यम से भारत में लाया गया और अवैध लेनदेन का एक नेटवर्क बन गया।

सीबीआई ने सितम्बर 17, 2020 को दायर की गई चार्जशीट में बताया है कि 2000 में सक्सेना के पास इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज के 99.9% शेयर्स थे। उसने गौतम खेतान के साथ मिल कर अपनी कम्पनी के बैंक खाते में अगस्ता-वेस्टलैंड से 12.4 मिलियन यूरो प्राप्त किए थे। इसके बाद इस रकम को आगे दलालों, नेताओं और अधिकारियों में बाँटे गए। उसने रक्षा मामलों के दलाल सुषेण मोहन गुप्ता और कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी की इस लेनदेन में प्रमुख भूमिका बताई।

इन दोनों को भी कस्टडी में लिया गया, लेकिन फ़िलहाल वो जमानत पर बाहर हैं। गुप्ता और खेतान की ‘खासियत’ ये थी कि वो किसी भी बातचीत में बड़े-बड़े नेताओं और अधिकारियों के नाम इस तरह से लेते थे, जैसे उनकी इन दोनों से काफी बनती हो। वो सलमान खुर्शीद और ‘कमल अंकल’ का नाम लिया करता था। सक्सेना का कहना है कि ये अंकल कमलनाथ ही हैं। इसके अलावा वो बार-बार किसी AP का नाम लेते थे, जो उसके हिसाब से अहमद पटेल हैं।

इसके अलावा उसने एक ‘प्रिस्टिन रिवर इन्वेस्टमेंट्स’ नामक कम्पनी का भी नाम लिया है। उसने और गुप्ता ने इसी कम्पनी के माध्यम से ‘ब्रिज फंडिंग’ प्राप्त किया। उसका कहना है कि इस कम्पनी का प्रबंधन जॉन डोचर्टी द्वारा किया जाता है, जो बकुल नाथ के लिए काम करता है। वहीं कमलनाथ का कहना है कि उनके भतीजे के लेनदेन से उनका कोई लेनादेना नहीं है और उनका बेटा दुबई में रह रहा NRI है, और उसने बताया है कि उसे भी इन कंपनियों के बारे में कुछ नहीं पता।

वहीं सलमान खुर्शीद ने इस मामले में अपना नाम आने पर आश्चर्य जताया और कहा कि सुषेण के पिता देव मोहन गुप्ता उनके दोस्त हैं और उनका आरोपितों से क्या सम्बन्ध है, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सक्सेना ने बताया कि रतुल पुरी कह रहे थे कि उनके भाई या चाचा से सम्बंधित कोई भी दस्तावेज किसी को न दिए जाएँ। जबकि पुरी का कहना है कि वो किसी रक्षा समझौते में शामिल ही नहीं रहे हैं।

2019 में पुरी को बैंक धोखाधड़ी धोखाधड़ी के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ़्तार किया गया था। हेलिकॉप्टर घोटाले में पुरी जाँच एजेंसी के सामने पेश हुए थे, जिसके बाद जुलाई 2019 में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद सीबीआई की FIR का संज्ञान लेते हुए उनके और अन्य के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। एक मामला मामला सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा अपने साथ ₹354 करोड़ की धोखाधड़ी (फ्रॉड) किए जाने के आरोप का था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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