सुपरस्टार रजनीकांत के राजनीतिक सलाहकार तमिलरूवी मनियन ने शनिवार को इस बात की पुष्टि की। पुष्टि करते हुए उन्होंने बताया कि पार्टी सिर्फ आध्यात्मिक राजनीतिक करेगी और किसी अन्य की आलोचना नहीं करेगी।
"पुलिसकर्मियों पर हमले किए जाने को कभी सही नहीं ठहराया जा सकता है। वर्दी में ड्यूटी पर लगे पुलिसवालों पर हमले करने के पक्ष में मैं कोई भी तर्क बर्दाश्त नहीं करूँगा। मैं तो कहता हूँ कि इसके बचाव में कोई तर्क हो ही नहीं सकता।"
मद्रास हाईकोर्ट ने रजनीकांत के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं से पूछा कि हाईकोर्ट आने से पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट क्यों नहीं गए? इससे पहले फ़िल्म अभिनेता रजनीकांत ने एक इंटरव्यू में पेरियार को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद से वह चर्चा में आ गए।
रजनीकांत और सुब्रह्मण्यम स्वामी ने फोन पर एक-दूसरे से बातचीत की है। जहाँ एक तरफ तमिल अभिनेता ने स्वामी को उनके साथ के लिए धन्यवाद दिया तो स्वामी ने उन्हें बधाई दी। स्वामी ने फोन पर सुपरस्टार से कहा कि वो इस मुद्दे पर उनके साथ मज़बूरी से खड़े हैं और कोर्ट में भी उनका पक्ष रखेंगे।
जावड़ेकर के इस ट्वीट के बाद तमिल इंडस्ट्री और रजनीकांत के फैंस के साथ-साथ अन्य सिनेप्रेमियों ने भी ख़ुशी जताई। जावड़ेकर ने लिखा कि भारत सरकार ने भारतीय सिनेमा में रजनीकांत द्वारा पिछले कई दशकों में दिए गए उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित करने का फ़ैसला लिया है।
जहाँ तमिलनाडु के अधिकतर द्रविड़ नेता जनता के बीच ख़ुद को 'धर्मनिरपेक्ष' साबित करने की कोशिश में लगे रहते हैं, राजनीति में एंट्री की घोषणा कर चुके रजनीकांत का यह आध्यात्मिक दौरा राज्य के सियासी समीकरण के लिए अहम है।
"जब मैं राजनीति से जुड़ा था, उस वक्त मैं नंबर-1 सुपरस्टार था, लेकिन राजनीति से जुड़ने के लिए मैंने सब छोड़ दिया, और चुनाव में मैं अपने क्षेत्र से ही हार गया, क्योंकि मेरे प्रतिद्वंदी ने करोड़ों रुपए खर्च किए, सिर्फ़ मुझे हराने के लिए। इसके बाद ऐसा ही पवन कल्याण के साथ हुआ।"।
कार्ति चिदंबरम ने कहा कि रजनीकांत ने कश्मीर मसले और भारत के संवैधानिक इतिहास को समझे बिना मोदी-शाह की तुलना कृष्ण-अर्जुन की जोड़ी से कर दी। उन्होंने कहा कि रजनीकांत पर सेलेक्टिव मसलों पर ही बयान देने का भी आरोप लगाया है।