गफूर के अनुसार, "शस्त्र पूजा धर्मसम्मत है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि याद रखें यह केवल मशीन नहीं है जो मायने रखती है, बल्कि मशीन चलाने वाले का संकल्प और जुनून अहमियत रखता है।"
"सभी धर्मों के लोगों को अपनी आस्था के अनुसार प्रार्थना करने का अधिकार है। यदि किसी और ने ऐसा किया होता, तब मैं इस पर कोई आपत्ति नहीं करता। मुझे लगता है कि कॉन्ग्रेस पार्टी में भी इस मामले पर राय बँटी हुई होगी। जरूरी नहीं है कि हर किसी की यही राय हो।"
"राफेल एयरक्राफ्ट पर 'ॐ' लिख कर और शस्त्र-पूजा कर के राजनाथ सिंह इसे धर्म के साथ जोड़ रहे हैं। यह औरों की तरह सिर्फ एक हथियार है, जिसे आप ख़रीद रहे हैं। दशहरा के त्योहार और राफेल का भला क्या मेल है?"
दशहरे के शुभ अवसर पर इस बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय मूल्यों को बरकरार रखते हुए पेरिस में शस्त्र पूजन करेंगे। 8 अक्टूबर को वह पेरिस में पहले राफेल फाइटर जेट को प्राप्त करके शस्त्र पूजन करेंगे और फिर उसी दिन वे उसमें उड़ान भी भरेंगे।
इससे पहले शहीद होने या 60 प्रतिशत से अधिक की अक्षमता होने पर 2 लाख रुपए की वित्तीय मदद का प्रावधान था। इसके साथ ही 60 फीसदी से कम अक्षमता वाले जवानों को एक लाख रुपए का वित्तीय मदद मिलती थी।
पाक पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कुछ ऐसी ताकतें हैं, जिनकी हरकतें नापाक हैं। वे साजिश रच रहे हैं कि समंदर के रास्ते मुंबई के 26/11 जैसा एक और हमला भारत के तटीय क्षेत्र में कर सकें। लेकिन उनके मंसूबे किसी भी सूरत में पूरे नहीं होंगे।
"बँटवारा मज़हब के आधार पर हुआ। गाँधी और अम्बेडकर नहीं चाहते थे कि भारत के टुकड़े हों, लेकिन कुछ सांप्रदायिक नेताओं ने देश का विभाजन कर दिया। मजहब के आधार पर गठित पाकिस्तान की यह हालत हो गई कि 1971 आते-आते बांग्लादेश उससे अलग हो गया।"
तेजस विमान भारतीय वायु सेना की 45वीं स्क्वाड्रन 'फ्लाइंग ड्रैगर्स' का हिस्सा है। इस लड़ाकू विमान को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने डिज़ाइन और विकसित किया है।
वायुसेना का मिग-21 विमान चार दशक से ज्यादा पुराना हो गया है। दुनिया में शायद ही कोई देश इतना पुराना फाइटर जेट उड़ाता है। वजह है वायुसेना के पास मिग 21 के विकल्प के तौर पर कोई फाइटर जेट नहीं है। इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वायु सेना पूरे दमखम के साथ इसके भरोसे न केवल सरहद की हिफाजत करती है, बल्कि दुश्मन की चुनौतियों का जवाब भी देती है।
"जम्मू-कश्मीर में विकास के लिए आर्टिकल 370 के प्रावधान खत्म किए गए हैं। हमारा पड़ोसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दरवाजे खटखटा रहा है और कह रहा है कि भारत ने गलती की है। पाकिस्तान से बात तभी होगी जब वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद करेगा।"