इस यात्रा ने सत्ता में भाजपा को स्थापित करने के बीज बोए। आज उसकी जड़ें इतनी फैल गई हैं कि जो नेहरू कभी राम को बेदखल करने पर अमादा थे, आज उनकी ही राजनीति के वारिस मंदिर-मंदिर प्रदक्षिणा को मजबूर हैं। बाकायदा मुनादी की जाती है उनके जनेऊधारी हिन्दू होने की।
इस वीडियो को पुरी के एसपी ने ख़ुद ट्विटर पर शेयर किया। उन्होंने लिखा, “1200 वॉलिंटियर्स, 10 संगठनों और घंटों की मेहनत के बाद रथयात्रा 2019 के दौरान ऐम्बुलेंस की सरल संचालन के लिए ह्युमन कॉरिडोर बनाना संभव हो पाया।”
स्टिंग ऑपरेशन में यह खु़लासा हुआ है कि ज़मीनी स्तर पर कोई खास इंटेलीजेंस इनपुट नहीं था, जिसके आधार पर रथ यात्रा पर रोक लगाने की बात को वाजिब ठहराया जा सके।
शुक्रवार को कोलकाता उच्च न्यायलय की दो सदस्यीय पीठ ने एकल पीठ का फैसला पलटते हुए भाजपा को पश्चिम बंगाल में रथयात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। अब भाजपा ने इस निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायलय का रुख करने की घोषणा की है। ऐसे में बंगाल में सियासी पारा और ऊपर चढ़ने की उम्मीद है।