अधिकतर भारतीय और विदेशी छात्र उत्तर पूर्वी राज्यों खासकर मेघालय के रास्ते भारत में पहुँच रहे हैं। वहीं, बहुत सारे छात्रों के पश्चिम बंगाल के रास्ते भी भारत में एंट्री का विकल्प चुना है।
सिद्धारमैया के फैसले का भारी विरोध भी हो रहा था, जिसकी वजह से कॉन्ग्रेसी सरकार बुरी तरह से घिर गई थी। यही नहीं, इस फैसले की जानकारी देने वाले ट्वीट को भी मुख्यमंत्री को डिलीट करना पड़ा था।