अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश को इससे कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन एक अमेरिकी सीनेटर ने ऐन समय पर वीटो लगा कर कहा कि अगर रूस भारत के साथ इस करार को करता है तो फिर उसे अमेरिकी सहायता नहीं मिलेगी।
पैर नहीं होने के कारण व्योममित्र को हाफ ह्यूमनॉइड कहा जा रहा है। वह केवल आगे और बगल में झुक सकता है। वह अंतरिक्ष में कुछ परीक्षण करेगा और इसरो के कमांड सेंटर से संपर्क में रहेगा।
नए साल पर इसरो चीफ के. सिवन ने लक्ष्य और योजनाओं का खाका पेश किया। साथ ही बताया कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बहुत अच्छा काम कर रहा है। यह अभी अगले 7 साल तक काम करता रहेगा।
श्री लंका के इस पहले उपग्रह (कक्षा में स्थापित) का वजन 1.5 किलोग्राम है। यह श्री लंका और उसके आसपास के क्षेत्रों के चित्र लेकर उस इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों को समझने में और बेहतरी प्रदान करेगा।
फ़िलहाल इसरो का ध्यान चंद्रयान-2 पर है, जिसे 15 जुलाई को उड़ान भरनी है। यह चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा, जो कि अब तक मानव द्वारा अनछुआ है।
साइबर के अतिरिक्त स्पेस अर्थात अंतरिक्ष भी आज के समय में युद्ध का अखाड़ा बना हुआ है। जनवरी 2007 में चीन ने अपनी ही सैटेलाइट को मार गिराया था और दुनिया के सामने इसे एक दुर्घटना बताया था। वास्तव में चीन किसी सैटेलाइट को मार गिराने की अपनी क्षमता को जाँच रहा था।
आपने अक्सर सुना होगा कि फलाँ कम्पनी चाँद पर ज़मीन बेच रही है या फलाँ उद्योगपति ने वहाँ ज़मीं ख़रीदी। यह सब आउटर स्पेस ट्रीटी की अस्पष्टता के कारण होता है। हालाँकि, ये संधि बाह्य अंतरिक्ष में अस्त्र-शस्त्र की तैनाती को रोकती है।