विषय
Space
भारतीय मूल की सिरिशा बांदला… वायुसेना पायलट नहीं बन सकीं, अब जा रहीं अंतरिक्ष में, होंगी तीसरी ‘इंडियन’ महिला
आंध्र प्रदेश के गुंटूंर जिले में जन्मी सिरिशा बांदला वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी में गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस की वॉयस प्रेसीडेंट हैं।
‘एलियंस ने 50 बार किया मेरा अपहरण, साबित करने के लिए हैं खरोंच के निशान’, ब्रिटिश महिला का हैरान करने वाला दावा
ब्रिटेन की एक महिला का दावा है कि एलियंस अब तक उसका 50 से अधिक बार अपहरण कर चुके हैं और अपने यूएफओ में भी ले जा चुके हैं
चीन से दुनिया को नया खतरा, 21 टन का रॉकेट आउट ऑफ कंट्रोल: आबादी वाले इलाके पर गिरा तो होगी भारी तबाही
इस रॉकेट का धरती पर गिरना बेहद खतरनाक हो सकता है। 1990 के बाद से 10 टन से ज्यादा वजन वाला ऐसा कुछ भी पृथ्वी पर नहीं गिरा है।
भारत की स्वाति मोहन: ‘स्टार ट्रेक’ से हुईं अंतरिक्ष की ओर आकर्षित, अब MARS पर NASA के रोवर लैंडिंग का किया नेतृत्व
नासा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, स्वाति मोहन का परिवार संयुक्त राज्य अमेरिका में तब गया था जब वह सिर्फ एक साल की थीं। स्वाति शुरू में बाल रोग विशेषज्ञ बनना चाहती थीं, लेकिन अंत में वह नासा पहुँच गईं।
भगवद्गीता और PM मोदी की तस्वीर लेकर ‘आत्मनिर्भर मिशन’ पर स्पेस में जाएगा सैटेलाइट
निजी क्षेत्र का सैटेलाइट भगवद्गीता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर और 25 हजार लोगों के नाम लेकर अंतरिक्ष में जाने को तैयार है।
भारत की अंतरिक्ष उड़ान को रोकने वाला सिनेटर आज बनना चाह रहा US प्रेसिडेंट, भारतीय समुदाय से माँग रहा वोट
अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश को इससे कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन एक अमेरिकी सीनेटर ने ऐन समय पर वीटो लगा कर कहा कि अगर रूस भारत के साथ इस करार को करता है तो फिर उसे अमेरिकी सहायता नहीं मिलेगी।
गगनयान से पहले अंतरिक्ष में जाएगा बिना पैरों वाला ‘व्योममित्र’, परीक्षण कर इसरो को भेजेगा रिपोर्ट
पैर नहीं होने के कारण व्योममित्र को हाफ ह्यूमनॉइड कहा जा रहा है। वह केवल आगे और बगल में झुक सकता है। वह अंतरिक्ष में कुछ परीक्षण करेगा और इसरो के कमांड सेंटर से संपर्क में रहेगा।
ISRO 2020: चंद्रयान-3 को ग्रीन सिग्नल, आपके मोबाइल में जल्द होगा स्वदेशी ‘GPS’
नए साल पर इसरो चीफ के. सिवन ने लक्ष्य और योजनाओं का खाका पेश किया। साथ ही बताया कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बहुत अच्छा काम कर रहा है। यह अभी अगले 7 साल तक काम करता रहेगा।
रावण-1: श्री लंका ने अंतरिक्ष में दिखाई धाक, कक्षा में स्थापित किया अपना पहला उपग्रह
श्री लंका के इस पहले उपग्रह (कक्षा में स्थापित) का वजन 1.5 किलोग्राम है। यह श्री लंका और उसके आसपास के क्षेत्रों के चित्र लेकर उस इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों को समझने में और बेहतरी प्रदान करेगा।
अंतरिक्ष में भारत का नया लक्ष्य: 2030 तक होगा अपना स्पेस स्टेशन
फ़िलहाल इसरो का ध्यान चंद्रयान-2 पर है, जिसे 15 जुलाई को उड़ान भरनी है। यह चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा, जो कि अब तक मानव द्वारा अनछुआ है।