आरती का कहना है कि जैसे एक व्यक्ति ने नाजी जर्मनी में ' हैल हिटलर' पर हाथ उठा कर सम्मान नहीं दिया, वैसा ही अरविन्द केजरीवाल ने 'वन्दे मातरम्' के साथ किया।
प्रभारी प्राचार्य अफ़ज़ल हुसैन ने कहा कि संविधान में कहीं ऐसा नहीं लिखा है कि 'वन्दे मातरम्' गाना अनिवार्य है। उसने कहा कि यह भारत माता की पूजा है, जो कि इस्लाम के ख़िलाफ़ है।