सेल्युलर जेल में हिंदू क्रांतिकारी बहुसंख्यक थे। उनको नियंत्रित करने और यातनाएँ देने के मकसद से जेलर बारी ने मुसलमान अपराधी कैदियों को वार्डर, पहरेदार और हवलदार वगैरह नियुक्त कर दिया था।
अनंत लक्ष्मण कन्हेरे, कृष्णाजी गोपाल कर्वे और विनायक नारायण देशपांडे को आज ही की तारीख यानी 19 अप्रैल 1910 को फाँसी पर लटका दिया गया था। इन तीनों ही क्रांतिकारियों की उम्र उस समय 18 से 20 वर्ष के बीच थी।
प्रियांक खड़गे ने कहा था, "सावरकर का योगदान क्या है? कॉन्ग्रेस के दफ्तर में आयोजित एक प्रेस बैठक में मैंने डेढ़ घंटे इस पर बात की। भाजपा बताए कि सावरकर को 'वीर' वाला उपनाम कैसे मिला? किसने दिया?"
अनुपम खेर ने वीर सावरकर को भारत माँ का महान बेटा बताया। ग्रामीण नाविक के रोल में दिखेंगे निखिल सिद्धार्थ। प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल बोले - ऐसी कहानियाँ लाता रहूँगा बाहर। असल में 'The India House' वीर सावरकर की बायोपिक नहीं है, बल्कि...