कैपिटल हिल में फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि माँ सरस्वती कला, ज्ञान और साहित्य की देवी हैं, जिन्हें कश्मीर में शारदा के रूप में पूजते हैं।
"वो कम से कम समय में उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए 1000 एकड़ की भूमि की व्यवस्था किए जाने की बात भी कही गई है। सीएम योगी ने स्पष्ट किया है कि ये फिल्म सिटी अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा।"
उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे थे कि उन्हें 2 घंटों तक अपने घर से बाहर निकल कर सड़क पर खड़ा रहना पड़ा, वो भी ऐसे समय में जब कोरोना का प्रसार तेजी से बढ़ रहा था।
हंसल अपनी कुंठा निकालते हुए विवेक के लिए लिखते हैं, "बदकिस्तमकी से ट्विटर तुम जैसे घृणा फैलाने वालों की जगह बन गया है। मैं सच में उम्मीद करता हूँ कि तुम इस्लाम में परिवर्तित हो जाओ, ताकि तुम्हें समझ आए कि इस मजहब के लोग किसकी लड़ाई लड़ रहे है।"
फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने दी क्विंट के इस प्रोपेगैंडा को ध्वस्त करते हुए वेबसाइट को चैलेंज भी किया था कि वह साबित करें कि यह एक फेक और सोची समझी घृणा फैलाने के मकसद से जारी किया गया स्क्रिप्टेड वीडियो नहीं है या फिर इसे डिलीट कर दें।
अग्निहोत्री ने बताया कि 'द क्विंट' ने इस पूरे ड्रामे की साज़िश पहले ही रच ली थी। अर्थात, एक स्क्रिप्ट तैयार कर के एक जूनियर आर्टिस्ट को कैब ड्राइवर बनाकर NRC के नाम पर उससे अभिनय करवाया गया और दर्शकों को इसे सच बता कर परोस दिया गया। ये सब कुछ एक ड्रामा है।
विवेक अग्निहोत्री ने अपनी अगली फ़िल्म की घोषणा कर दी है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के पीछे से जुड़ा सच सामने लाने के लिए 'द ताशकंद फाइल्स' नामक फ़िल्म का निर्देशन करने के बाद उनका अगला प्रोजेक्ट कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर आधारित होगा।
फ़िल्म को समीक्षकों के एक गिरोह ने रिव्यु करने से या तो मना कर दिया या नेगेटिव रिव्यु दिया। मीडिया गिरोह ने इसे प्रोपेगंडा बताया। बस 250 स्क्रीन्स में रिलीज होने वाली एक छोटी सी फ़िल्म से इतना ज्यादा भय? इसका अर्थ है कि इसके निर्माण के पीछे का मोटिव सफ़ल रहा।