‘चॉकलेट’ और ‘द ताशकंद फाइल्स’ सहित कई फ़िल्में बना चुके निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने मुंबई में पूर्व नौसेना अधिकारी की शिवसेना के गुंडों द्वारा पिटाई किए जाने के बाद प्रतिक्रिया देते हुए अपना अनुभव शेयर किया है। पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा की ज़ख़्मी आँख की तस्वीर शेयर करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि अप्रैल 2020 में जब पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगा हुआ था, तब सरकार के खिलाफ लिखने पर मुंबई में उनके साथ क्या हुआ था।
उन्होंने बताया कि ये वो समय था, जब न तो किसी को घर से बाहर निकलने की अनुमति थी और न ही सब्जियाँ उपलब्ध थीं। उन्होंने बताया कि कैसे सरकार ने उनके घर पर उन्हें डराने-धमकाने के लिए पुलिस भेजी। उन्होंने कहा कि वो चाहते थे कि मैं सरकार के खिलाफ न लिखूँ और अपना मुँह बंद रखूँ। दरअसल, विवेक अग्निहोत्री ने पालघर में साधुओं की भीड़ द्वारा हत्या और बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर आवाज़ उठाई थी।
‘बुद्धा इन अ ट्रैफिक जाम’ और ‘ज़िद’ के निर्देशक ने बताया कि उस समय सरकार बॉलीवुड के लोगों को अपने चीयरलीडर के रूप में इस्तेमाल करने में व्यस्त थी और ये उन्हें अस्वीकार्य था कि फिल्म इंडस्ट्री से कोई उनकी इस तरह से आलोचना करे। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें चुप कराने के लिए उच्च पदाधिकारियों का इस्तेमाल किया गया। विवेक ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर अर्बन नक्सलियों के खिलाफ उनके अभियान के कारण उनका सम्मान करते थे और परेशान थे लेकिन फिर भी उन्हें मजबूर किया गया।
विवेक अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि डिप्टी कमिश्नर पर सरकार द्वारा दबाव बनाया गया। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे थे कि उन्हें 2 घंटों तक अपने घर से बाहर निकल कर सड़क पर खड़ा रहना पड़ा, वो भी ऐसे समय में जब कोरोना का प्रसार तेजी से बढ़ रहा था। उन्होंने कहा कि ये दिखाता है कि उनके जैसे ‘सांस्कृतिक योद्धाओं’ को सरकार कैसे चुप कराने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सोचिए, 66 वर्षीय मदन शर्मा के साथ क्या हुआ होगा।
Now I’ve slowly started following back. In fact, when it happened I had personally informed few people I have full faith in.
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) September 12, 2020
You have to live in Mumbai to understand the tyranny of this govt and how police is used to silence people.
Liberals, this is how fascism looks like.
उन्होंने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ये आँख सरकार के अत्याचार का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी चुप नहीं कराया जा सकता। विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि कई लोग इस बात से आश्चर्य में थे कि उन्होंने उनलोगों को अचानक से क्यों अनफॉलो कर लिया। उन्होंने बताया कि ऐसा महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस के कारण हुआ। उन्होंने बताया कि उन पर नजर रखी जा रही थी और उनके करीबियों को बुला कर पूछताछ किया जा रहा था, इसीलिए उन्हें बचाने के लिए ऐसा करना पड़ा।
विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि अगर आप सरकार और पुलिस के अत्याचार को प्रत्यक्ष देखना चाहते हैं तो आपको मुंबई में रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अब वो धीरे-धीरे लोगों को फॉलो कर रहे हैं। पहले इस पर भी नजर रखी जा रही थी कि वो किन-किन लोगों से बात कर रहे हैं। उन्होंने कुछ विश्वासपात्र लोगों को अपनी स्थिति के बारे में बताया भी था। उन्होंने कहा कि लिबरलों को देखना चाहिए कि फासिज्म कैसा दिखता है।
ज्ञात हो कि शिवसेना के स्थानीय ‘शाखा प्रमुख’ ने पूर्व नौसेना अधिकारी से संपर्क किया और उन्हें उनकी बिल्डिंग से नीचे आने को बोला। जैसे ही वो अपनी बिल्डिंग से नीचे उतरे, करीब 8 लोगों ने उन्हें सिर्फ़ इसलिए मारना शुरू कर दिया क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर उद्धव ठाकरे का कार्टून फॉरवर्ड किया था। इस हमले में पूर्व नेवी अधिकारी की आँख बुरी तरह जख्मी हो गई थी। हालाँकि, बॉलीवुड के लोग इस पर अभी तक चुप हैं।