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Sunday, April 13, 2025
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The Kashmir Files: राजनेताओं व मीडिया द्वारा 30 सालों की उपेक्षा के बाद विवेक की अगली फ़िल्म

विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि वह एक आयोग का गठन करेंगे, जो पूरे कश्मीर में पंडितों के साथ हुए अत्याचार के पीड़ित लोगों के साथ मुलाक़ात कर उनकी आपबीती सुनेगी और उसे रिकॉर्ड करेगी।

निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने अपनी अगली फ़िल्म की घोषणा कर दी है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के पीछे से जुड़ा सच सामने लाने के लिए ‘द ताशकंद फाइल्स’ नामक फ़िल्म का निर्देशन करने के बाद उनका अगला प्रोजेक्ट कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर आधारित होगा। कम स्क्रीन्स में रिलीज होने और रिलीज के बाद कलंक और अवेंजर्स जैसी फ़िल्मों से टक्कर मिलने के बावजूद ‘द ताशकंद फाइल्स’ कई सिनेमाघरों में 50 दिन पूरा कर चुकी है। उत्साहित अग्निहोत्री इससे पहले अकादमी में नक्सलवाद का अतिक्रमण जैसे गंभीर विषय पर ‘बुद्धा इन अ ट्रैफिक जाम’ फ़िल्म बना चुके हैं। विवेक अग्निहित्री ने अपनी ताज़ा फ़िल्म के बारे में ऑपइंडिया से बात करते हुए कुछ नई जानकारियाँ साझा कीं।

विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि अब वह अपने हाथ में वो काम लेने जा रहे हैं, जो राजनेताओं व मीडिया को करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वह एक आयोग का गठन करेंगे, जो पूरे कश्मीर में पंडितों के साथ हुए अत्याचार के पीड़ित लोगों के साथ मुलाक़ात कर उनकी आपबीती सुनेगी और उसे रिकॉर्ड करेगी। ऑपइंडिया से ख़ास बातचीत में निर्देशक विवेक ने कहा कि ऐसा दुनिया में पहली बार हो रहा है, जब 30 वर्षों के लम्बे इंतज़ार के बाद मीडिया और राजनेताओं का काम एक फ़िल्म निर्देशक कर रहा है। कश्मीरी पंडितों के दुःख-दर्द को दिखाती उनकी अगली फ़िल्म ‘इन्वेस्टीगेशन’ जॉनर की होगी।

विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि वह लम्बे समय से कश्मीरी पंडितों पर फ़िल्म बनाना चाह रहे थे और अब वह इस मामले को काफ़ी करीब से जानने के बाद इस संवेदनशील मुद्दे को हैंडल करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि निर्दोष बच्चों को मार डाला गया, महिलाओं के साथ बलात्कार हुए, कत्लेआम मचाया गया और पंडितों को उनके घर से बेघर कर अपने ही देश में शरणार्थियों की तरह जीने को मजबूर कर दिया गया। हालाँकि, कई राजनेताओं व कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के बाद विवेक अग्निहोत्री इस विषय पर पुस्तक लिखना चाहते थे लेकिन अंततः उन्होंने फ़िल्म बनाने का निर्णय लिया।

सिर्फ़ कश्मीर ही नहीं, विवेक ने मुंबई और दिल्ली से लेकर विदेशों तक बसे कश्मीरी पंडितों के अनुभव जानने के लिए उन सबसे मुलाक़ात की योजना बनाई है ताकि फ़िल्म को वास्तविक बनाया जा सके। कश्मीर पर आधारित फ़िल्मों में भारतीय सेना को ग़लत तरीके से पेश किए जाने को लेकर नाराज़ विवेक ने कहा कि वो इस कल्पित नैरेटिव को तोड़ देंगे और वास्तविकता दिखाएँगे। विवेक अग्निहोत्री की इस फ़िल्म का नाम ‘द कश्मीर फाइल्स’ होगा। ‘द ताशकंद फाइल्स’ के रूप में काफ़ी दिनों बाद विवेक को आलोचकों और दर्शकों, दोनों का भरपूर प्यार मिला है।

हालाँकि, कुछ गिरोह विशेष के आलोचकों ने उनकी फ़िल्म को नेगेटिव समीक्षा देकर दर्शकों को प्रभावित करना चाहा लेकिन रिलीज के 50 दिनों बाद फ़िल्म की IMDB रेटिंग 8.4 है, जो तमाम नेगेटिव समीक्षाओं को तमाचा लगाने के लिए काफ़ी है। विवेक अग्निहोत्री ने फ़िल्म की प्रीमियर के दौरान ऑपइंडिया से बातचीत करते हुए ‘अर्बन नक्सल्स’ को ये फ़िल्म देखने की सलाह दी थी। हाल ही में विवेक अग्निहोत्री अनुपम खेर, अशोक पंडित और मधुर भंडारकर के साथ एक फोटोशूट में दिखे थे।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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