यासीन मलिक के ख़िलाफ़ इस समय जिन दो मामलों में केस चल रहा है, वह काफ़ी पुराने हैं। रुबिया सईद के अपहरण के दौरान सीबीआई द्वारा दाखिल चालान के मुताबिक श्रीनगर के सदर पुलिस स्टेशन में आठ दिसंबर 1989 को रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जबकि सैनिको की हत्या वाला मामला 25 जनवरी 1990 का है।
यासीन मलिक को एनआईए ने टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में गिरफ़्तार किया था। यासीन और मशाल की शादी इस्लामाबाद में ही हुई थी। इस समारोह में पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के कथित प्रधानमंत्री सहित पाकिस्तान व कश्मीर के कई नेता व अलगाववादी शामिल हुए थे।
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ‘वायरल’ की जा रही है, जिसके कारण JNU की फ्रीलांस प्रोटेस्टर शेहला रशीद से लेकर कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती तक का दिल दुखा है और वो यासीन मलिक को इस 'फर्जी' तस्वीर के अनुसार मिलने वाली यातनाओं के खिलाफ सरकार से रहम की अपील कर रही हैं।