रामपुर से सपा सासंद आजम खान हाल ही में भू-माफिया घोषित किए गए थे। वह जौहर विश्वविद्यालय के चांसलर हैं और कई लोगों की जमीन हड़पने के आरोपी भी हैं। उनके ऊपर 'आलिया मदरसा' से किताबें चुरानें और रामपुर में क्लब से शेर की मूर्तियाँ चुराने का भी आरोप है।
जौहर यूनिवर्सिटी पर छापा ऐसे वक्त पड़ा है, जब पहले से ही आज़म ख़ान जमीन कब्जाने के कई मामले में घिरे हुए हैं। उन पर जमीन हड़पने को लेकर कुल 27 मुकदमे दर्ज हैं। रामपुर में लग्जरी रिसॉर्ट के लिए जमीन कब्जाने को लेकर नोटिस जारी किया गया है।
नायब तहसीलदार की तरफ से दर्ज किए गए मामले में आरोप लगाया गया है कि जौहर विश्वविद्यालय ट्रस्ट और आज़म ख़ान को फ़ायदा पहुँचाने के लिए दस्तावेज़ों में छेड़छाड़ की गई। इसके अलावा आज़म ख़ान पर महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने को लेकर दो मुक़दमे दर्ज हो चुके हैं।
आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ जिस समय यह कार्रवाई की गई थी, उस समय वो मास्टर ऑफ़ लॉ की पढ़ाई कर रहे थे और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के सचिव भी थे।
आजम खान ने कहा कि चुनाव में भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष के रूप में खड़े होने के लिए BSP-SP में समझौता हुआ था। सभी लोग जानते हैं कि दलित वोट बैंक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पासपोर्ट मामले में अब्दुल्ला आजम खान पर FIR आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने शिक्षण दस्तावेजों और पासपोर्ट में अलग-अलग जन्मतिथि दर्ज करवाने की शिकायत की थी।
भू माफिया घोषित हो चुके आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अब्दुल्ला आजम खान पर FIR भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420, 467, 468, 471 और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन के एक बड़े हिस्से को कब्जाने का आरोप लगाया है। इस जमीन पर लक्ज़री गेस्ट हाउस का निर्माण किया गया है। सपा सांसद आजम खान के खिलाफ सरकारी और किसानों की कृषि योग्य भूमि हथियाने के सिलसिले में लगातार मामले दर्ज किए जाने के बाद उनको भूमाफिया घोषित कर दिया गया है।
लोकसभा में गुरुवार को तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान आजम ने अशोभनीय टिप्पणी की थी। उस समय रमा देवी सदन की अध्यक्षता कर रही थीं। आजम की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया था।
जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा है, "मेरा मानना है कि स्पीकर की कुर्सी पर बैठीं सांसद के लिए आजम खान के शब्द पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। यह अभद्र और असभ्य था। सदन के स्पीकर उन्हें ऐसा सबक सिखाएँ जिसे वह भूल न सकें।"