देवेन्द्र फडणवीस ने अपने पत्र में मुंबई में कम टेस्टिंग का आरोप लगाते हुए कहा की मुंबई में रोजाना 1 लाख आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है जबकि यहाँ मात्र 34,000 टेस्ट ही रोजाना की जा रहे हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने इस साल जनवरी में यह सोचते हुए कि कोविड-19 संकट खत्म हो गया है एक दिन की बर्खास्तगी की सूचना के साथ 25 फीसदी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को हटा दिया।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह दावा किया कि वैक्सीन की अनुपलब्धता के कारण 20 मई तक 18 वर्ष से अधिक लोगों के लिए टीकाकरण शुरू नहीं हो पाएगा लेकिन केंद्र ने जानकारी दी है कि राज्य में अभी भी वैक्सीन के 1 करोड़ डोज उपलब्ध हैं।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जब दिल्ली और महाराष्ट्र ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार अगर समय रहते ऑक्सीजन की कमी पर ध्यान देती तो ऐसे हालात देखने को नहीं मिलते।
महा विकास अघाड़ी सरकार ने यह घोषणा की कि वह विदेशी वैक्सीन का आयात करेगी और वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सभी विभागों को दिए जाने वाले फंड में भी कटौती करेगी।