Thursday, March 28, 2024
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महाराष्ट्र-दिल्ली में 10 में से 1 PSA प्लांट ही हुआ स्थापित: उद्धव-केजरीवाल की लापरवाही की सजा भुगत रहे लोग

वित्त मंत्री अजीत पवार ने 10 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा भी की थी, लेकिन इसे अमल में नहीं लाया गया। यहाँ तक कि पीएम केयर से पैसा अलॉट होने के बावजूद महाराष्ट्र में 10 में से केवल 1 ही ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया, जिसके चलते राज्य में आज कोरोना महामारी के कारण हाहाकार मचा हुआ है।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जब दिल्ली और महाराष्ट्र ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा है। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार अगर समय रहते ऑक्सीजन की कमी पर ध्यान देती तो ऐसे हालात देखने को नहीं मिलते। दरअसल, 8 महीने (पहला सत्र सितंबर 2020) पहले विधान परिषद में राज्य के हर जनपद में एक ऑक्सीजन प्लांट लगाने का सुझाव दिया गया था। सत्र में डॉ. रंजीत पाटिल ने कहा था कि कोविड-19 के कारण ऑक्सीजन आपूर्ति की स्थिति विकट होने वाली है।

हालाँकि, उस दौरान उनके सुझाव पर वित्त मंत्री अजीत पवार ने 10 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा भी की थी, लेकिन इसे अमल में नहीं लाया गया। आपको जानकार हैरानी होगी कि पीएम केयर से पैसा अलॉट होने के बावजूद महाराष्ट्र में 10 में से केवल 1 ही ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया, जिसके चलते राज्य में आज कोरोना महामारी के कारण हाहाकार मचा हुआ है।

हाल ही में देश में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत आगामी दिनों में राज्यों में 162 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जाएगी। भारत सरकार द्वारा 162 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 33 प्लांट पहले ही स्थापित हो चुके हैं। इसमें 5 मध्य प्रदेश में, 4 हिमाचल प्रदेश में, चंडीगढ़, गुजरात और उत्तराखंड में 3-3, बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना में 2-2 और आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पुदुचेरी, पंजाब और उत्तर प्रदेश में एक-एक प्लांट बनाया गया है।

ज्ञात हो कि, महाराष्ट्र में कोरोना का कहर जारी है। राज्य में हर रोज कोरोना के नए मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में राज्य में कोरोना के 67,160 नए केस सामने आए। इस दौरान 676 लोगों की जान चली गई। राज्य में अब कोरोना के 6,94,480 एक्टिव केस हो गए हैं। वहीं मुंबई में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 5,888 नए मामले सामने आए हैं।

वहीं, देश की राजधानी दिल्‍ली में भी ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं। महाराष्ट्र की तरह दिल्ली सरकार ने भी वही लापरवाही की है, जिसकी सजा आज निर्दोष लोग भुगत रहे हैं। दरअसल, कोरोना महामारी के संकट के बीच रविवार (25 अप्रैल 2021) को दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर कम ऑक्‍सीजन आवंटित करने वाला आरोप लगाया है।

केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, हमें केंद्र सरकार से 480 टन ऑक्सीजन आवंटित हुआ है और कल केंद्र सरकार ने 10 टन और आवंटित किया, अब तक दिल्ली को कुल 490 टन ऑक्सीजन आवंटित हुआ है, लेकिन ये पूरा आवंटन भी दिल्ली में नहीं आ रहा है। शनिवार को केवल 330-335 टन ऑक्सीजन ही दिल्ली पहुँची है।”

लेकिन सच्चाई इससे इतर है। मालूम हो कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार को 8 ऑक्सीजन प्लांट लगाने थे, जिसमें से सिर्फ एक ही लगाया गया है, जिसके चलते राजधानी में बेकाबू कोरोना की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही है। वे अपनी गलती मानने की बजाय केंद्र पर अपनी नाकामियों का ठीकरा फोड़ रहे हैं।

 

बता दें कि दिल्ली में शनिवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 24,103 नए मामले सामने आए। चिंता की बात ये है कि यहाँ ही दिन में रिकॉर्ड 357 मौतें हुईं। ये अब तक का सबसे बड़ा आँकड़ा है। इतना ही नहीं, दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 32.27% हो गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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