गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता चंद्रकान्त कावेलकर के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस से अलग हुए विधायकों के गुट ने विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर से मुलाकात की। विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे पत्र में इन विधायकों ने कॉन्ग्रेस से नाता तोड़ने की जानकारी दी।
बीएस येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी के इस्तीफे की माँग की है। उनके मुताबिक संख्याबल भाजपा के पास है और कुमारस्वामी को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
संसद में सीटों का आवंटन लोकसभा संचालन की प्रक्रिया और आचरण के नियम 4 के तहत सदन के अध्यक्ष करते हैं। नियम यह भी कहते हैं कि सीटों के आवंटन में अध्यक्ष अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। हर पंक्ति में पांच या उससे अधिक सदस्यों वाले पार्टी को सीट आवंटित करने का एक फॉर्मूला है।
जनार्दन द्विवेदी ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस संगठन में उन्होंने पूरा जीवन लगाया, उसकी स्थिति देख कर पीड़ा होती है। उन्होंने कहा कि हार के कारण पार्टी के भीतर हैं, न कि बाहर। उन्होंने कहा है कि पार्टी में कई ऐसी बातें हुईं, जिससे वो सहमत नहीं थे और उन्होंने इससे पार्टी नेतृत्व को अवगत कराया था।
नारेबाजी के दौरान राहुल गाँधी की माताजी सोनिया गाँधी भी सदन में मौजूद थीं। राहुल गाँधी को भी अपने स्थान पर बैठकर 'वी वांट जस्टिस' कहते सुना गया। उनके साथ ही सदन में कॉन्ग्रेस सदस्य 'वी वांट जस्टिस', 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो', 'शिकार की राजनीति बंद करो' के नारे लगा रहे थे।
कॉन्ग्रेस के विरोध का जवाब देते हुए संस्कृति मंत्री ने कहा कि इतिहास की बात कर रहे कॉन्ग्रेस सदस्य रिकॉर्ड पलट कर देख लें। कॉन्ग्रेस ने पिछले 40-50 वर्षों में स्मारक के लिए कुछ भी नहीं किया है।
'दीनदयाल अंत्योदय रसोई' योजना के तहत ग़रीबों को केवल 5 रुपए में भोजन मुहैया कराया जाता था। भोपाल में यह योजना अप्रैल 2017 से शुरू की गई थी। भोपाल के अलावा इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित राज्य के कई अन्य शहरों में भी यह योजना शुरू की गई थी।
उर्मिला का कहना है कि कोंडविलकर जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को जुटाने में असफल रहे। वहीं, भूषण पाटिल जैसे अन्य प्रमुख पदाधिकारी ब्लॉक स्तर और वार्ड स्तर पर पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक, प्रचारसभा, पदयात्रा आयोजित करने में विफल रहे।
गुजरात में 40 के क़रीब कॉन्ग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ऐसा उन्होंने जगन्नाथ यात्रा के दौरान हुई पत्थरबाज़ी की घटना को लेकर किया। इस मामले में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष परिमल सिंह राणा की चुप्पी को लेकर पार्टी कार्यकर्ता नाराज़ थे।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद राहुल ने सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया था। लेकिन, लोकसभा चुनाव में वे अपनी गुना सीट भी नहीं बचा पाए। उन्हें बीजेपी के केपी यादव ने 1,25,549 मतों से हराया था।