पाँचों राज्यों के आंकड़ों को मिला कर देखें तो कुल पंद्रह लाख लोगों ने किसी उम्मीदवार को वोट देने कि बजाय नोटा यानी "उपर्युक्त में से कोई नहीं" का विकल्प चुनना ज्यादा बेहतर समझा। पाँचों राज्यों में नोटा का वोट शेयर 6.3% के आसपास रहा।
कांग्रेस ने कुल 68 सीटों पर जीत का परचम लहराया है वहीं भाजपा के हाथ महज 15 सीटें ही आई। ताजा ख़बरों के अनुसार मुख्यमंत्री रमण सिंह ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है।