24 फरवरी को चॉंदबाग में पुलिस पर हमला सोची-समझी साजिश थी। दंगाइयों ने पुलिस को बुलाने से पहले सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए थे ताकि उनकी पहचान न हो। अब फुटेज के आधार उनकी धर-पकड़ की जा रही है।
बीजेपी ने सात कॉन्ग्रेस सांसदों को शेष लोकसभा सत्र में भाग लेने से निलंबित करने के निर्णय का स्वागत किया है। भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि सांसदों का आचरण बेहद शर्मनाक था। इतना ही नहीं कुर्सी का अपमान करने वाले सदस्यों को अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।
डीसीपी शर्मा की पत्नी उनकी हालत देखकर बेहद भावुक मन से 24 फरवरी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उस दिन अमित शर्मा के ऑफिस स्टाफ ने घर पर कॉल की थी और कहा था कि अमित शर्मा घायल हो गए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हिंसा वाले दिन शाह आलम अपने भाई यानी ताहिर हुसैन की छत पर दंगाइयों के साथ मौजूद था। हिंसा भड़काने में उसका बहुत बड़ा हाथ है। वह फरार बताया जा रहा है।
जस्टिस मुरलीधर के तबादले का आदेश 26 फरवरी को जारी किया गया था। इसको दिल्ली दंगों से जोड़ लिबरल गैंग ने प्रोपेगेंडा फैलाया था। अब खुद जस्टिस मुरलीधर ने बताया है कि दिल्ली दंगों से काफी पहले ही उन्होंने तबादले को लेकर सहमति दे दी थी।
"बदकिस्मती से हिंदूफोबिया एक सच है। मैंने कॉन्ग्रेस और राष्ट्रपति उम्मीदवारी के अपने अभियान के दौरान हर बार प्रत्यक्ष तौर पर इसे महसूस किया है। इसके बावजूद हमारे नेता और मीडिया इसे न केवल बर्दाश्त करते हैं, बल्कि इसे और भड़काते हैं।"
दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के पहले ताहिर हुसैन ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि वह पूरी तरह निर्दोष है और उसका नार्को टेस्ट करवा लिया जाए, वह नार्को टेस्ट के लिए भी तैयार है।
इस हिंसा में ना सिर्फ हिन्दुओं को चिह्नित कर मारा गया, बल्कि उनके परिवार के साथ बसलूकी भी की गई, परिवार की महिलाओं और बेटियों के साथ अश्लील हरकत करने से लेकर पवित्र मंदिरों को भी हिंसक मुस्लिम भीड़ ने अपना निशाना बनाया। इन दंगों में एक सबसे बड़ा नाम आम आदमी पार्टी नेता ताहिर हुसैन का भी आया है।
रिपब्लिक ऑफ़ बज़ ने इस खबर का शीर्षक रखा है - "हिंदू मॉब ने 13 साल की एक मुस्लिम लड़की का जाफराबाद में गैंग रेप किया।" इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरोपित हिंदू भीड़ ने जिस कॉलोनी में दीबा रहती है, वहाँ तबाही मचाई और मुस्लिमों के साथ अत्याचार किए।
द वायर नामक इस प्रोपोगंडा साइट ने अंकित शर्मा के वीभत्स मर्डर को झुठलाने की न सिर्फ कोशिश की थी बल्कि दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में इस्लामिक भीड़ द्वारा हिन्दुओं पर बरपाए गए कहर को भी नजरअंदाज करने का कुत्सित प्रयास किया था।