"छात्र होने का मतलब यह नहीं है कि वे कानून-व्यवस्था अपने हाथ में ले सकते हैं। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन और अधिकारों के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुॅंचाया जा सकता। ऐसे हालात में पुलिस को कदम उठाना ही होगा।"
मालदा, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिले में इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई गई है। नदिया, बीरभूम, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों में हिंसा, लूट और आगजनी की घटनाएँ सामने आई हैं।
"CAB में नागरिकता देने का प्रावधान है लेने का नहीं। गजवा-ए-हिंद के समर्थक केरल, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी या अन्य जगह पर उपद्रव कर रहे हैं। यह गजवा-ए-हिंद के समर्थक हो सकते हैं, हिंदुस्तान के नहीं।"
हिंसक प्रदर्शन को लेकर जामिया प्रशासन ने कहा है कि इसमें शामिल ज्यादातर लोग बाहरी थे। उल्लेखनीय है कि यूनिवर्सिटी के आसपास के इलाकों में समुदाय विशेष के लोगों की घनी आबादी है। तो क्या इस प्रदर्शन के पीछे कोई साजिश रची गई थी?
“ये अमित शाह या मोदी के बाप का मुल्क नहीं है। 800 वर्षों तक हमने देश पर राज किया, लेकिन हमारी हड्डी में उबाल नहीं आया। अगर हम अपने पर आ गए तो भागने का रास्ता नहीं रहेगा।”
तेरा मेरा रिश्ता क्या-ला इलाहा इल्लल्लाह, ये शहर जगमगाएगा- नूर-ए-इलाहा से। वैसे ही नारे जैसे कश्मीर में पाकिस्तान के समर्थन में आतंकी लगाते हैं। जामिया में प्रदर्शन के दौरान पुलिस को उकसाने के किए गए तमाम जतन। कहा- पुलिस बचकर जाने न पाए। उसे छोड़े ना।
मौजूदा क़ानून के मुताबिक किसी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल यहाँ रहना अनिवार्य था। नए कानून में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह अवधि घटाकर 6 साल कर दी गई है।
पश्चिम बंगाल में एम्बुलेंस और गाड़ियों पर भी पथराव किया गया। हिंसक विरोध-प्रदर्शन में एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया। शुक्रवार को, प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा ज़िले में भी उग्र प्रदर्शन किए। उन्होंने उलुबेरिया रेलवे स्टेशन पर हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया।