"मेरे स्टूडियो में पाकिस्तान का झंडा लेकर आएँगे? किसी की औक़ात है? अगर लगाएँगे न, तो आपके पिछवाड़े में भी वहाँ पता चलेगा। ये अनुच्छेद-370 वाली आपकी सरकार नहीं है कि आप पाकिस्तान का झंडा लहराएँगे यहाँ।"
महरंग भी अपने प्रान्त बलूचिस्तान के लोगों के हकों के लिए एक दशक से ज्यादा समय से लड़ रही हैं। इस लड़ाई में वो अपने अब्बा को खो चुकी हैं और भाई के अचानक गायब होने के दर्द को जानती हैं।
बलूचिस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे के आठवें दशक में एक बार फिर से बलूचियों ने सर उठाया है। बलूचिस्तान के विद्रोहियों ने पाकिस्तान से खुलकर टक्कर लेना शुरू कर दिया है।