पुलवामा हमले में शामिल होने के आरोप में तारिक अहमद शाह और उनकी बेटी इंशा तारिक को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को दक्षिणी कश्मीर के लेथपोरा से गिरफ्तार किया गया। इन पर आरोप है कि इन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों को पनाह दी थी।
शाकिर ने 2018 के अंत से फरवरी 2019 तक अपने घर में आदिल अहमद डार और पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक को शरण दी थी। विस्फोटक जुटाने में मदद की थी। इस हमले 40 जवान बलिदान हो गए थे।
तीनों छात्रों के नाम आमिर, बासित और तालिब हैं। वीडियो में बैकग्राउंड में गाना बज रहा है- "खाई है ये कसम, खाई है ये कसम, सुन ले दुश्मन सभी, है ये दिल की सदा.. पाकिस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान जिंदाबाद।" वीडियो के बीच में एक छात्र आजादी के नारे भी लगाते हुए सुना जा सकता है।
मीडिया के लोग आतंकवादियों के एक 'आम आदमी' से आतंकवादी बनने की घटना का बेहद फ़िल्मी तरीके से महिमामंडन करते नजर आते हैं। आतंकवादियों से अलग यह अपना एक अलग किस्म का बौद्धिक जिहाद चला रहे होते हैं, जिनका पहला संघर्ष सामान्य विवेक और तर्क क्षमता से नजर आता है।
वीरगति प्राप्त करने वाले जवानों की याद में बनाए गए स्मारक का लेथपुरा कैंप में शुक्रवार को उद्घाटन किया गया। स्मारक में वीरगति प्राप्त करने वाले जवानों के नामों के साथ उनकी तस्वीरें भी हैं। जाधव द्वारा एकत्र की गई मिट्टी को भी स्मारक पर रखा गया है।
आज वीरगति प्राप्त करने वाले जवानों को नमन करने का दिन था। लेकिन, कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने इस मौके को भी सियासत के लिए चुना। अपने ट्वीट से राहुल गॉंधी ने जाहिर कर दिया है कि साल भर में उनकी विकृत सोच बदल नहीं पाई है।