Sunday, September 1, 2024
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पुलवामा में मिली विस्फोटकों से लदी कार C ग्रेड आतंकी हिदायतुल्ला की, BSF जवान की बाइक का लगा रखा था नंबर प्लेट

हिदायतुल्ला मलिक की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है। इस कार का इस्तेमाल कर आतंकी पुलवामा में बीते साल की तरह ही जवानों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला करने की फ़िराक में थे।

सुरक्षा बलों ने करीब 40 किलो विस्फोटक से लदी कार जब्त कर पुलवामा में बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस कार के मालिक की पहचान हिदायतुल्ला मलिक के तौर पर की है।

वह हिज्बुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा हुआ है। शोपियॉं के शरदपोरा गॉंव का रहने वाला मलिक सालभर से आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार उसे इस साल की शुरुआत में सी श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध किया गया था। उस पर तीन लाख रुपए का इनाम है।

हिदायतुल्ला मलिक की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है। इस कार का इस्तेमाल कर आतंकी पुलवामा में बीते साल की तरह ही जवानों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला करने की फ़िराक में थे। आतंकियों ने कार पर जो फर्जी नंबर प्लेट लगा रखा था, वह कठुआ जिले के निवासी और श्रीनगर में तैनात बीएसएफ के एक जवान की मोटरसाइकिल का है।

शुरुआती जाँच में इस हमले का रावलपिंडी कनेक्शन का भी खुलासा हुआ है। हमले में जीशान पाशा नाम के एक हिज्बुल कमांडर का नाम भी सामने आया है। यह माना जा रहा है कि इस पूरी साजिश का खाका उसी ने खींचा था।

डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि इस बात के सबूत भी मिले हैं कि कश्मीर में किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश के लिए हिज्बुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन ने हाल ही में एक बड़ी बैठक की थी। मुजफ्फराबाद (पीओके) की इस बैठक में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के कई बड़े कमांडरों ने हिस्सा लिया था।

इससे पहले भारतीय सेना ने इस साजिश में शामिल आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों की पहचान को उजागर किया था। सेना की शुरुआती जाँच में आदिल का नाम सामने आया है, जो जैश और हिज्ब दोनों के लिए काम करता है।

बताया जा रहा है कि कार वही चला रहा था। उसके साथ कार में पाकिस्तानी आतंकी फौजी भाई था। वह भी जैश के लिए काम करता है। इतना ही नहीं आईईडी तैयार करने वाले आतंकी के बारे में भी सुरक्षाबल पता लगा चुके हैं।

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह आईईडी पाकिस्तानी आतंकी वलीद ने तैयार की थी। ए-श्रेणी का आतंकवादी वलीद उर्फ मूसा उर्फ इदलीस घाटी में वर्ष 2015 से सक्रिय है। दरअसल यह कार रमजान माह के 17वें दिन यानी जंग-ए-बद्र पर आत्मघाती हमले के लिए तैयार किया गया था।

परंतु सुरक्षाबलों की चौकसी की वजह से वे उस दिन हमले को अंजाम नहीं दे पाए थे। सुरक्षा एजेंसियों, पुलिस, सेना और सीआरपीएफ को पिछले कई दिनों से संभावित फिदायीन हमले के बारे में इनपुट मिल रहे थे।

गौरतलब है कि पुलवामा में 27-28 मई 2020 को एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया था। सुरक्षाबलों ने पुलवामा के पास एक सैंट्रो गाड़ी की पहचान की थी। इसमें IED (इंप्रोवाइज्ड एक्स्प्लोसिव डिवाइस) प्लांट की गई थी। सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने कार को घेर लिया, लेकिन इसी बीच कार के भीतर से गोलीबारी शुरू हो गई।

गोलीबारी के बीच इस दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर आतंकी भाग निकले थे। कार की तलाशी ली गई तो उसमें IED का पता चला। सैंट्रो को पुलवामा के रजपुरा रोड के पास शादीपुरा में पकड़ा गया था। बम डिस्पोजल स्क्वायड ने समय रहते ही इसे डिफ्यूज कर दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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