इंडिया टुडे के पत्रकार अशरफ वानी ने केवल ऐसी मौत का दावा ही नहीं किया जो असल में हुई नहीं है बल्कि भारतीय सेना के खिलाफ एक फेक नैरेटिव स्थापित करने का प्रयास भी किया है।
तिब्ब्ती लोगों ने मनाली से गुजर रहे सैनिकों का रास्ते के दोनों तरफ खड़े होकर स्वागत किया। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और तिब्बती ध्वज के साथ उनका अभिवादन किया।
प्रधानमंत्री का यह दौरा चीन के लिए साफ़ संदेश था कि भारत किसी भी तरह का विवाद होने पर पीछे नहीं हटेगा। इन बातों के बावजूद यह उल्लेखनीय है कि दुनिया के किन-किन देशों ने भारत का समर्थन करते हुए क्या कुछ कहा है?
भारत-चीन विवाद के बीच प्रधानमंत्री का लेह-लद्दाख पहुँच जाना सेना के लिए कैसा होगा इस बारे में कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। पुराने दौर में “दिल्ली दूर, बीजिंग पास” कहने वाले तथाकथित नेता पता नहीं किस बिल में हैं। ऐसे मामलों पर उनकी टिप्पणी रोचक होती।