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गुरुग्राम मुस्लिम युवक के दावे झूठ साबित होने के बावजूद ‘The Wire’ उसे लेकर फैला रहा ज़हर
'द वायर' ने गुरुग्राम की फेक दावों वाली ख़बर का सच सामने आने के बावजूद उसे लेकर 'डर का माहौल' वाला प्रोपेगैंडा फैलाना जारी रखा। न मुस्लिम की टोपी फेंकी गई, न शर्ट फाड़ी गई और न 'जय श्री राम' बोलने को कहा गया, फिर भी 'द वायर' झूठ फैला रहा है।
मेरे पिता का पूरा जीवन दुश्मनों से लड़ते हुए बीता: कारवाँ के ‘प्रोपेगेंडा’ लेख पर अदालत में विवेक डोभाल
सुनवाई के दौरान विवेक डोभाल ने अपने पिता को लेकर कहा कि उनका पूरा जीवन इस देश के दुश्मनों से लड़ते बीता है, ऐसा कैसे हो सकता है कि वो अपने बेटे को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने की अनुमति दे दें। कारवाँ ने अपने लेख में डोभाल परिवार को 'डी कम्पनी' कहा था।
राजदीप भी पलट गए? विपक्ष के EVM दावे को फ़रेब कहा… एट टू राजदीप?
राजदीप ने यहाँ तक कहा कि मोदी के यहाँ से चुनाव लड़ने की वजह से वाराणसी की सीट VVIP संसदीय सीट में बदल चुकी है। जिसका असर वहाँ पर हो रहे परिवर्तन के रूप में देखा जा सकता है।
साला ये दुःख काहे खतम नहीं होता है बे!
जो लोग रवीश की पिछले पाँच साल की पत्रकारिता टीवी और सोशल मीडिया पर देख रहे हैं, वो भी यह बात आसानी से मान लेंगे कि रवीश जी को पत्रकारिता के कॉलेजों को सिलेबस में केस स्टडी के तौर पर पढ़ाया जाना चाहिए।
‘मस्जिद बन्दर’ = बंदरों की मस्जिद: मोदी का मजाक उड़ाने वाली गालीबाज ट्रोल स्वाति चतुर्वेदी की समझ
गालीबाज ट्रोल ने इस एडिटेड वीडियो से एक बार फिर अपनी बकलोली का परिचय दिया है। वैसे भी अभी फेक न्यूज़ का धंधा मंदा चल रहा है तो ऐसे एडिटेड वीडियो पर अपनी बकलोली को डिफेंड करके अपनी काल्पनिक 'निष्पक्ष' पत्रकारिता का प्रमाण दे रही है।
स्क्रॉल डॉट इन: यहाँ मोदी-विरोध की खबरों का पंक्चर ठीक किया जाता है
जब ट्वॉयलेट पेपर खत्म हो जाता है तो आप ढूँढते हैं कि वो कहाँ रखा हुआ है। इसी क्रम में जब स्क्रॉल वेबसाइट पर यह देखने पहुँचा कि क्या इन्होंने ममता बनर्जी के बंगाल में हो रहे चुनावी हिंसा पर कुछ लिखा है? तो, कुछ नहीं मिला।
गरिमा गई घुइयाँ के खेत में: फिर से गाय छोड़ कर मंदिर ढाहने का दिवास्वप्न मत देखो
आज हम समय के उसी मोड़ पर खड़े हैं जहाँ इस्लामी आक्रांताओं ने एक बार फिर रूप बदल लिया है, और गायों का झुंड हमारी तरफ छोड़ दिया है क्योंकि वो जानते हैं कि वाजपेयी जी की भाजपा इन गायों को प्रणाम कर के, उनके सींगों में झुनझुने बाँधने में व्यस्त हो जाती।
प्रिय बीबीसी, वेश्यावृति या BC में से एक चुन लो, पत्रकारिता तो तुमसे हो नहीं रही
बीबीसी हिन्दी वालो, विकल्प है तुम्हारे पास: वेश्यावृति की ईमानदारी या पत्रकारिता के नाम पर वैचारिक दोगलापन, चुन लो। कारण जो भी हो, लेकिन जब आप वेश्यालय की ओर रुख़ करते हैं तो आपको पता होता है कि आपको वहाँ क्या मिलेगा। बीबीसी के साथ ऐसा नहीं है।
जब राजीव गाँधी ने INS विराट की स्टोरी दबाने के लिए मीडिया का गला घोंटने की ठानी थी
निरूपमा सुब्रह्मण्यन द्वारा इंडियन एक्सप्रेस में लिखे गए लेख की हेडलाइन ही स्पष्ट करती है कि प्रधानमंत्री मोदी आईएनएस विराट पर बात करके हमारे समक्ष सवाल छोड़े हैं ताकि हम पूछें कि वास्तव में अपने पद की शक्तियों का दुरुपयोग किसने किया है?
पूर्व महिला न्यूज एंकर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, मिल रहीं थीं धमकियाँ
अरियाना न्यूज़ द्वारा घटनास्थल की जारी तस्वीरों में मंगल की लाश खून से लथपथ दिखाई पड़ रही है। उनका तलाक अभी मई में ही हुआ है।