गरीब पुजारी से शादी करने वाली ब्राह्मण लड़कियों को 3 लाख रुपए तक के बॉन्ड मिलेंगे। वहीं, दूसरी योजना में गरीब ब्राह्मण महिला को पर 25 हजार रुपए दिए जाएँगे।
अब तक, कर्नाटक की ही एकमात्र सरकार है जिसने जनता की भावनाओं का ध्यान रखा है और दिवाली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने के अपने निर्णय को वापस लिया है।
इस योजना की शुरुआत 5.5 करोड़ रूपए के बजट से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत शादी करने वाले जोड़े को 8 ग्राम सोने का मंगलसूत्र, 10 हज़ार रूपए के उपहार और 5 हज़ार रूपए नगद दिए जाएँगे।
डीके शिवकुमार ने अपने बयान में कहा था कि इस बात पर चर्चा नहीं करना चाहता हूँ कि क्यों हाल ही में हिंसा की घटना हुई। लेकिन आप सभी भाजपा के मंत्रियों से प्रभावित होकर जाँच कर रहे हैं।
“हमने पुलिस गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा नहीं देने का फैसला नहीं किया है, क्योंकि अपराधियों को मुआवजा देना अपने आप में एक अक्षम्य अपराध है। इससे पहले सरकार ने उन्हें मुआवजा देने का फैसला किया था, लेकिन अब हमने इसे वापस ले लिया है।”
कुछ लोग इस मत के हैं कि टीपू के शासन की असलियतें जैसे हिन्दुओं को हाथियों के पैरों से बाँध कर मारना आदि, पाठ्यक्रम में शामिल कर इस्लामी शासन की पोल खोली जाए।